कौन हैं ब्रेस्ट दबाना और नाड़ा खोलना क्राइम नहीं कहने वाले जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र?
Justice Ram Manohar Narayan Mishra: एक नाबालिग से रेप की कोशिश मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र ने ऐसी टिप्पणी की, जिसकी देश भर में चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा, मिश्र ने कहा, किसी पीड़िता के ब्रेस्ट को छूना या पाजामे का नाड़ा तोड़ना क्राइम नहीं.;
Justice Ram Manohar Narayan Mishra: इलाहाबाद हाई कोर्ट के पॉक्सो एक्ट के मामले के दौरान ऐसी टिप्पणी दी, जिससे देश में महिलाएं गुस्से में आ गई है. जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र ने कहा, किसी पीड़िता के ब्रेस्ट को छूना या पाजामे का नाड़ा तोड़ना क्राइम नहीं. अब हर जगह हाई कोर्ट के की इस टिप्पणी का विरोध किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, कांसगंज में साल 2021 का नाबालिग (14) बच्ची से रेप की कोशिश का मामला सामने आया. जस्टिस मित्र ने कहा, आरोपियों ने आईपीसी की धारा 376 के तहत कोई अपराध नहीं किया है. उनके नाम गंभीर धाराओं से हटा लिया जाए. लेकिन गंभीरता से मामले को जरूर लिया जाए. अब मिश्र के आदेश की आलोचना हो रही है.
कौन हैं जस्टिस मिश्र?
जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र का जन्म 6 नवंबर 1964 को हुआ था. उन्होंने 1985 से लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. फिर साल 1987 में लॉ में ही पोस्ट ग्रेजुएशन किया. साल 1990 में वह मुंसिक के रूप में यूपी न्यायिक सेवा में शामिल हुए. इसके बाद 2005 में उच्चतर न्यायिक सेवा में प्रमोट हुए. वर्ष 2019 में मिश्र को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नियुक्त किया गया. कुछ समय उनका प्रमोशन हुआ और उन्हें बागपत, अलीगढ़ जिले में सेवा पर तैनात किया गया. मित्र ने जेटीआरआई के निदेशक और लखनऊ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में भी काम कर चुके हैं.
क्या है मामला?
यह मामला साल 2021 में उत्तर प्रदेश के कासगंज का है. आरोपियों ने नाबालिग बच्ची (14) को लिफ्ट देने के बहाने उसके साथ रेप की कोशिश की. पीड़िता की मां के अनुसार, बच्ची पटियाली में देवरानी के घर गई थी. उसी शाम घर लौटते समय गांव के पवन, आकाश और अशोक मिल गए और उसे बाइक पर बैठाकर घर छोड़ने की बात की. मां ने पवन पर भरोसा किया और बेटी को बाइक पर बैठा दिया. रास्ते में वह बच्ची को रास्ते से उतार कर पुलिया के नीचे खींचने लगे.
महिला ने कहा कि आरोपियों ने मेरी बेटी को खींचने लगे और मुझे धमकाया. उन्होंने बच्ची का ब्रेस्ट दबाया और उसके पाजामे का नारा भी तोड़ दिया था. लड़की की चीख सुनकर आसपास के लोग आए गए और आरोपी भाग निकले. अगर उसे बचाने लोग नहीं आते तो बच्ची का आरोपी रेप कर देते. इसके बाद महिला ने शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन पहुंची, लेकिन उसका केस नहीं लिखा गया. इसके बाद उसने सीधे कोर्ट में अर्जी लगाई और मामला कोर्ट पहुंचा.