फुल पेमेंट के बाद भी नहीं मिला फ्लैट! अब नोएडा के इस सोसाइटी के लिए आया HC का फरमान

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को सेक्टर 50 स्थित घदूतम हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है. इस फैसले से उन लोगों को राहत मिली है जिन्होंने पैसे देने के बाद संपत्ति के दस्तावेजों के लिए सालों तक इंतजार किया.;

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Edited By :  कुसुम शर्मा
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को सेक्टर 50 स्थित घदूतम हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है. इस फैसले से उन लोगों को राहत मिली है जिन्होंने पैसे देने के बाद संपत्ति के दस्तावेजों के लिए सालों तक इंतजार किया. न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने 19 निवासियों के दायर याचिका का जवाब देते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया है.

अदालत ने प्राधिकरण को एक दशक पहले जारी किए गए प्रमाण पत्र के आधार पर रजिस्ट्री करने का निर्देश दिया. इसने प्राधिकरण को बिल्डर टीजीबी इंफ्रा डेवलपर्स से बकाया राशि की वसूली के लिए एक साथ प्रयास करने के लिए भी कहा. पीठ ने कंपनी से बकाया राशि वसूलने में प्राधिकरण की ठोस कार्रवाई की कमी की आलोचना की. इसने नोट किया कि टीजीबी इंफ्रा के निदेशकों में से एक अनिल कुमार साहा ने 39 अन्य सक्रिय रियल एस्टेट कंपनियों में पद संभाला था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी राहत

अदालत ने साहा के वकील की दलील सुनने के बाद कहा कि हम एक अंतरिम आदेश जारी कर रहे हैं, जिसमें नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया जाता है कि वह उन याचिकाकर्ताओं के पक्ष में त्रिपक्षीय उप-पट्टे निष्पादित करे, जिन्होंने यह स्वीकार किया है कि पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है. और जो प्राधिकरण द्वारा जारी अधिभोग प्रमाणपत्र के आधार पर अपने फ्लैटों का कब्जा ले रहे हैं.

राज्य सरकार के पुनर्वास पैकेज में मिली छूट!

12,750 स्क्वायर मीटर में फैली 173 इकाइयों वाली मेघदूतम परियोजना को 2008 में टीजीबी इंफ्रा को आवंटित किया गया था. प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, इसकी बकाया राशि शुरू में 55.3 करोड़ रुपये थी, लेकिन राज्य सरकार के पुनर्वास पैकेज के तहत दो साल की शून्य छूट के बाद इसे घटाकर 43.7 करोड़ रुपये कर दिया गया.

डेवलपर को बकाया राशि भुगतान की चेतावनी

निवासियों ने यह भी तर्क दिया कि, उन्हें अक्टूबर 2015 में अधिभोग प्रमाण पत्र मिले थे और उन्होंने पूरी राशि का भुगतान किया था, इसलिए प्राधिकरण के पास डेवलपर के बकाया के कारण त्रिपक्षीय समझौतों को रोकने का कोई कानूनी आधार नहीं था. प्राधिकरण ने पिछले साल मई और अगस्त के बीच टीजीबी इंफ्रा को कई नोटिस जारी किए थे, जिसमें भूमि आवंटन रद्द करने की धमकी दी गई थी. मई 2024 में, इसने परियोजना के प्रवेश द्वार पर बकाया राशि के बारे में एक नोटिस दिया था. अक्टूबर में इसने डेवलपर को चेतावनी दी थी कि यदि बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो मामला आर्थिक अपराध शाखा को भेज दिया जाएगा.

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