कुत्ता वाला बवाल! गाजियाबाद में महिला के Dog को खाना खिलाने पर शख्स ने जड़े 8 थप्पड़- Video Viral

यशिका शुक्ला नाम की एक महिला शुक्रवार देर रात गाजियाबाद के विजय नगर स्थित ब्रह्मपुत्र एन्क्लेव में कुत्तों को खाना खिला रही थीं. तभी एक व्यक्ति, कमल खन्ना, वहां आया और उन्हें आठ बार थप्पड़ मारे. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. हालांकि, पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है.;

( Image Source:  x-@Khalidptarkar33 )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 23 Aug 2025 8:11 PM IST

देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक शर्मनाक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत और सार्वजनिक संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. दरअसल, गाजियाबाद की रहने वाली यशिका शुक्ला को आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के कारण एक व्यक्ति ने 38 सेकंड के भीतर लगातार आठ थप्पड़ मार दिए.

इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से महिला पर बेरहमी से हमला किया गया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी को हिरासत में ले लिया है. 

शख्स ने महिला को मारे थप्पड़

जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें साफ दिख रहा है कि आरोपी महिला को बार-बार थप्पड़ मार रहा है. यशिका वीडियो में यह कहते हुए सुनाई दे रही है कि 'दीदी, वीडियो रिकॉर्ड करो, ये मार रहा है.' और जवाब में आरोपी बेखौफ होकर कहता है 'हां रिकॉर्ड करो.' इस बेशर्मी भरे जवाब ने समाज में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या ऐसे लोग कानून और मानवीयता दोनों का डर खो चुके हैं?

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी कमल खन्ना पर IPC की धारा 323 (मारपीट), 354 (महिला का अपमान) और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है. पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है.

सोशल मीडिया पर आक्रोश

वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. कई यूज़र्स ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की तो कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि जानवरों के अधिकारों के साथ-साथ उनके संरक्षकों की भी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

किसकी ज़मीन है फीडिंग ज़ोन?

भले ही सुप्रीम कोर्ट ने ‘डिज़ाइनटेड फीडिंग ज़ोन’ का आदेश दिया हो, लेकिन स्थानीय सोसाइटीज और निवासियों की स्वीकृति और संवेदनशीलता इस आदेश के पालन में सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. क्या अदालत का आदेश जमीनी स्तर तक पहुंच पा रहा है? या फिर उसकी आड़ में आम लोग एक-दूसरे पर अधिकार जताकर हिंसा पर उतर आ रहे हैं?

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