2 साल के बच्चे को कुत्ते ने चाटा तो एक महीने बाद हो गई मौत, डर से पूरा मोहल्ला रेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचा अस्पताल!
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ 2 साल के मासूम की मौत रेबीज से हो गई। जानकारी के अनुसार, बच्चे को करीब एक महीने पहले कुत्ते ने चाटा था, लेकिन परिजनों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और इंजेक्शन नहीं लगवाया.

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में आवारा कुत्तों के आतंक ने एक मासूम की जान ले ली. दो साल का अदनान रेबीज वायरस की चपेट में आकर तीन दिन तक तड़पता रहा और अंततः रविवार को उसकी दर्दनाक मौत हो गई. इस घटना ने पूरे गांव में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को टिप्पणी की थी कि 'आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाना चाहिए, क्या उनके काटने से रैबीज से पीड़ित बच्चों को वापस लाया जा सकता है?' अदनान की मौत ने इस टिप्पणी को और भी प्रासंगिक बना दिया है. परिवार का इकलौता बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, जिससे गांव सुजातगंज बेला के किसान नसीर का आंगन सन्नाटे में बदल गया है.
कैसे फैला रेबीज वायरस?
जानकारी के मुताबिक, दो महीने पहले अदनान को खेलते समय चोट लगी थी. खून बहते देख पास खड़ा एक आवारा कुत्ता उसके घाव को चाट गया. परिजनों ने इस घटना को सामान्य मानकर अनदेखा कर दिया. लेकिन धीरे-धीरे वायरस शरीर में फैल गया और कुछ हफ्तों बाद अदनान में रेबीज के लक्षण दिखने लगे.
रेबीज के खतरनाक लक्षण
शनिवार को अचानक अदनान पानी देखकर डरने लगा और अजीब हरकत करने लगा. परिजन उसे सहसवान के सीएचसी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन स्थिति गंभीर होती चली गई. डॉक्टरों की कोशिश के बावजूद अदनान को बचाया नहीं जा सका. तीन दिन की तड़प के बाद मासूम ने दम तोड़ दिया.
गांव में दहशत और पछतावा
अदनान की मौत से पूरे गांव में दहशत फैल गई है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते बच्चे को एंटी-रेबीज वैक्सीन लगाई जाती तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी. इस दर्दनाक घटना ने परिवार के साथ-साथ पूरे मोहल्ले को झकझोर दिया है. अब ग्रामीण ऐसे मामलों में सतर्क रहने की बात कह रहे हैं.
डॉक्टरों की चेतावनी
चिकित्साधीक्षक डॉ. प्रशांत त्यागी ने कहा कि, यह दुखद उदाहरण है कि कुत्ते के काटने या घाव चाटने को हल्के में लेना कितना खतरनाक हो सकता है. किसी भी व्यक्ति को कुत्ता, बिल्ली या बंदर काट ले, या घाव को चाट ले, तो तुरंत रेबीज का टीका लगवाना चाहिए. अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है.
अब जरूरी है जागरूकता
अदनान की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आवारा कुत्तों की समस्या पर ठोस कदम कब उठाए जाएंगे. ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि गांव-कस्बों में आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान चलाया जाए और लोगों को समय पर टीकाकरण और रोकथाम के बारे में जागरूक किया जाए.