गाज़ियाबाद में सावन के दौरान नॉन-वेज पर बवाल, भड़के हिंदू रक्षा दल के लोग; KFC रेस्टोरेंट बंद कराकर बोले- हर हर महादेव
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने सावन महीने के दौरान नॉनवेज बेचने का विरोध करते हुए केएफसी और नज़ीर रेस्टोरेंट के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने 'जय श्री राम' और 'हर हर महादेव' के नारों के साथ दुकानों के शटर बंद कराए और केवल शाकाहारी भोजन बेचने की मांग की. प्रदर्शन के कारण दोनों प्रतिष्ठानों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा.;
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में गुरुवार को हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने केएफसी (KFC) आउटलेट और 'नज़ीर' नामक एक स्थानीय रेस्टोरेंट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि पवित्र सावन माह के दौरान नॉन-वेज खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाई जाए. इस दौरान हुई नारेबाज़ी और हंगामे के चलते दोनों प्रतिष्ठानों को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि केसरिया झंडे लिए हुए प्रदर्शनकारी 'जय श्री राम' और 'हर हर महादेव' के नारे लगाते हुए KFC के शटर नीचे खींचते हैं. कुछ वीडियो में प्रदर्शनकारी दुकान के सामने खड़े होकर धार्मिक नारे लगाते और फोटो खिंचवाते भी नजर आते हैं.
प्रदर्शनकारियों की मांग - सिर्फ शुद्ध शाकाहार
हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने रेस्टोरेंट के अंदर जाकर कर्मचारियों से बहस की और यह मांग रखी कि सावन के महीने में केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ही परोसा जाए. एक प्रदर्शनकारी वीडियो में कहता दिखा, “सावन के महीने में इन सभी (नॉन-वेज) चीजों को बंद करना चाहिए.”
धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए
हालांकि किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस पवित्र महीने में धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए. घटना के वक्त रेस्टोरेंट कर्मचारियों ने उनकी बात मान ली, लेकिन अब तक रेस्टोरेंट प्रबंधन या स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
क्या है सावन माह का महत्व?
सावन (श्रावण) हिंदू धर्म के सबसे पवित्र महीनों में से एक है, विशेषकर भगवान शिव के भक्तों के लिए... इस दौरान व्रत, मांसाहार से परहेज़, शराब, और कई बार प्याज़-लहसुन तक से दूरी बनाई जाती है. इसी दौरान कांवड़ यात्रा भी निकलती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाने जाते हैं.
हालांकि कुछ शहरों में स्थानीय प्रशासन सावन में मांस बिक्री पर अस्थाई प्रतिबंध लगाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में फिलहाल ऐसा कोई राज्यस्तरीय आदेश नहीं है. इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक परंपरा बनाम व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बहस को हवा दे दी है.