देश में दो नमूने, एक लखनऊ में दूसरा... कोडीन सिरप पर यूपी विधानसभा में हंगामा, योगी के बयान पर स्पीकर ने सुनाया राहत इंदौरी का किस्सा

उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज कोडीन सिरप को लेकर बहस ने सियासी हलचल मचा दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान “देश में दो नमूने, एक लखनऊ में और दूसरा…” ने चर्चा का केंद्र बन गया. हंगामा बढ़ते ही स्पीकर ने राहत इंदौरी का किस्सा सुना दिया;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 22 Dec 2025 2:23 PM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज सियासी रंग बहुत गहरा देखने को मिला. कोडीन सिरप मामले को लेकर शुरू हुई चर्चा अचानक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखे राजनीतिक जंग में बदल गई. दरअसल जब कोडिन सिरप पर सवाल पूछा गया, तो इस पर योगी ने कुछ ऐसा कहा, जिसने सभी को हैरान कर दिया.

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कोडिन सिरप विवाद पर सीएम योगी ने बिना नाम लिए कहा कि 'देश में दो नूमने हैं. एक दिल्ली और दूसरा लखनऊ में.' योगी के ‘नमूना’ बयान ने विधानसभा में हलचल पैदा कर दी. जहां दूसरी ओर स्पीकर ने उनके इस बयान पर राहत इंदौरी का चोर वाला किस्सा सुना दिया. वहीं अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए पलटवार कर सियासी मौसम और गरम कर दिया.

कोडीन सिरप पर सवाल

आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने कोडीन कफ सिरप को लेकर सवाल उठाए और प्रदेश में इसकी खपत से हुई मौतों तथा स्वास्थ्य सुरक्षा के मसलों पर ध्यान देने की मांग की. जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोडीन सिरप से किसी की मौत नहीं हुई है, ये मामले राज्य के बाहर के हैं. इसी दौरान योगी ने बिना किसी का नाम लिए विपक्षी नेता अखिलेश यादव को तंज भरे अंदाज में ‘नमूना’ बताया, जिससे सदन में सियासी विवाद और गरमा गया.

देश में दो नमूने हैं, एक लखनऊ में...

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में दो तरह के नमूने हैं. एक दिल्ली में है और दूसरा लखनऊ में बैठते हैं. इसके आगे उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले महत्वपूर्ण मामलों में विदेश चले जाते हैं, और यही बबुआ (अखिलेश यादव) भी करेंगे, लंदन भाग जाएंगे. इस बयान के बाद विधानसभा में हंगामा मच गया और समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विरोध स्वरूप वॉकआउट कर दिया.

अखिलेश यादव का पलटवार

बिना देर किए, अखिलेश यादव ने इस बयान का जवाब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दिया. उन्होंने पोस्ट में लिखा 'आत्म-स्वीकृति! किसी ने सोचा भी नहीं था कि दिल्ली और लखनऊ की राजनीतिक झड़प विधानसभा तक पहुंच जाएगी. संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को आपस में सम्मान और मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. बीजेपी के लोग अपनी अंदरूनी लड़ाई को सार्वजनिक मंच पर न लाएं.'

राजनीतिक मायने और सियासी संदेश

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि कोडीन सिरप का मामला सिर्फ स्वास्थ्य और सुरक्षा का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यूपी विधानसभा में राजनीतिक टकराव का नया बहाना बन गया. मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच जारी यह ‘नमूना-टकराव’ अगले चुनावी सियासी समीकरणों पर भी असर डाल सकता है.

स्पीकर ने सुनाया राहत इंदौरी का किस्सा

इस बयान पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने साफ किया कि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लेकर ‘नमूना’ नहीं कहा. उन्होंने राहत इंदौरी के किस्से का उदाहरण देकर बताया. स्पीकर ने कहा कि' जैसे किसी नेता ने ‘सरकार चोर चोर’ का नारा लगाया हो. उस पर दरोगा ने पूछा कि चोर कैसे कहा जा सकता है. जवाब मिला कि नाम तो किसी का नहीं लिया. तब दरोगा ने कहा, “तुम ऐसे कह रहे हो कि हमें ही नहीं पता कि चोर कौन है.”

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