AMU यूनिवर्सिटी छात्रों को लंच में परोस रही बीफ वाली बिरयानी! नोटिस वायरल होने पर मचा बवाल
अलीगढ़ के AMU यूनिवर्सिटी को लेकर खूब बवाल जारी है. दरअसल सोशल मीडिया पर एक नोटिस तेजी से वायरल हो रहा है. जानकारी मिली की यूनिवर्सिटी अपने छात्रों को लंच में बिरयानी की जगह बीफ बिरयानी परोसने वाली थी. जारी हुआ नोटिस सोशल मीडिया पर भी सामने आया जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा.;
उत्तर प्रदेश के अलिगढ़ की एक मशहूर यूनिवर्सिटी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) को लेकर इस समय खूब बवाल हो रहा है. जानकारी के अनुसार एक नोटिस सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस नोटिस में AMU के सर शाह सुलेमान हॉल में रविवार को लंच में बिरयानी सर्व करने को लेकर नोटिस जारी किया गया था. यह नोटिस सोशल मीडिया पर सामने आया और तेजी से वायरल भी हुआ.
वहीं नोटिस के तेजी से फैल जाने के कारण अब इसपर खूब बवाल होना शुरू हो रहा है. जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. यूनिवर्सिटी ने बयान जारी किया और कहा कि उनसे नोटिस टाइप करने में मिस्टेक हो गई थी. लेकिन इसके लिए वह माफी मांगते हैं. लेकिन आखिर ऐसा क्या था नोटिस में जिसके कारण बवाल जैसी स्थिति पैदा हो गई? आइए जानते हैं.
लंच में बिरयानी नहीं परोसी जाएगी बीफ
जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे नोटिस में हॉल के लंच मेन्यू में बदलाव की जानकारी दी गई थी. कहा गया था कि छात्रों की मांग के अनुसार खाने के मेन्यू में बदलाव किया गया है. इन्हीं बदलावों के अनुसार अब बिरयानी की जबाए लंच में बीफ बिरयानी परोसी जाएगी. किसी ने नोटिस की तस्वीर खींची और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जो तेजी से वायरल भी होने लगा. जैसे ही पोस्ट वायरल हुआ यूनिवर्सिटी ने कुछ बयान नहीं जारी किया लेकिन मामला आउट ऑफ कंट्रोल हुआ तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 'टाइपिंग की गलती की है.'
कारण बताओ नोटिस किया गया जारी
वहीं इस दौरान प्रशासन की ओर से बताया गया कि इस मामले से संबंधित व्यक्तियों को प्रशासन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. इस संबंध में भाजपा नेता निशित शर्मा ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस मामले में भूमिका शर्मनाक रही है. उन्होंने कहा कि चिकन बिरयानी की जगह बीफ बिरयानी परोसे जाने वाला नोटिस की जांच फूड कमिटी के सदस्यों की जिम्मेदारी है.
इस संबंध में यूनिवर्सिटी की ओर से आधिकारीक बयान दिया गया और कहा कि उन्हें मामले की जानकारी मिली जिसमें पाया कि जो नोटिस जारी किया गया उसमें टाइपिंग की गलती हुई. हालांकि इसे तुरंत वापस ले लिया गया क्योंकी उसपर यूनिवर्सिटी वालों के साइन नहीं थे. जानकारी मिली इस मामले से जुड़े दो छात्रों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया और नियमों का सख्ती से पालन हो इसे सुनिश्चित करने के लिए मुद्दे को गंभीरता से लिया जा रहा है.