यूपी की जेल में राष्ट्रपति के नाम फर्जी लेटर, हत्या के दोषी की रिहाई के आदेश, जेल अधीक्षक ने ऐसे पकड़ा
Uttar Pradesh: प्रशासन को पत्र मिलने के बाद जेल अधीक्षक को संदेह हुआ. गहन जांच के बाद पता चला कि आदेश फर्जी है. आगे की जांच जारी है. यह फर्जी आदेश अजय नामक कैदी की रिहाई के लिए जारी किया गया था, जो हत्या के एक मामले में मुकदमे का सामना कर रहा है.

Uttar Pradesh: सहारनपुर जिला जेल को एक हत्या के आरोपी को रिहा करने के लिए एक फर्जी आदेश मिला. ये आदेश राष्ट्रपति के नाम पर आया था. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इसके बाद जिले के जनकपुरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई.
पहले तो ये आदेश आया, फिर इस पर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक सत्यप्रकाश को इस पर शक हुआ, तो उन्होंने मामले की जांच शुरू की, जिसमें पुष्टि हुई कि आदेश फर्जी है.उन्होंने बताया कि फर्जी आदेश अजय नामक कैदी की रिहाई के लिए मिला था, जो हत्या के मामले में मुकदमे का सामना कर रहा है.
जेल अधीक्षक ने क्या कहा?
जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने कहा, 'जेल प्रशासन को यह आदेश जो कथित तौर पर 'राष्ट्रपति न्यायालय' से आया था. इस पर शक हुआ. वैरिफाई के बाद पता चला कि ऐसा कोई 'राष्ट्रपति न्यायालय' मौजूद नहीं है.' उन्होंने कहा कि किसी ने जाली रिहाई आदेश के जरिए अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जेल अधिकारियों ने पुलिस को सूचित किया और उसके बाद शुक्रवार को जनकपुरी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. आगे की जांच जारी है.