उर्दू में लिखी गई राम आरती, मुस्लिम महिलाओं ने मनाया रामनवमी का जश्न, अब यूजर्स दे रहे हैं अलग-अलग रिएक्शन
सोशल मीडिया पर वाराणसी से एक वीडियो वायरल हो रहा है जहां मुस्लिम महिलाएं रामनवमी का जश्न मना रही है. उन्होंने उर्दू में लिखी आरती गाई और श्रद्धाभाव से रामनवमी के जश्न में शामिल हुईं. हालांकि अब कई यूजर्स ने इस वायरल वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया दी.;
जहां एक तरफ वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देश भर में तनाव का माहौल है. वहीं वाराणसी के एक मंदिर से वीडियो वायरल हुआ है. जिसने सभी को हैरान दिया है. इस वायरल वीडियो में जिसमें बुर्खा पोश महिलाएं रामनवमी के खास मौके पर आरती करती नजर आ रही हैं. वाराणसी में पिछले 19 साल से मुस्लिम महिलाएं राम नवमी बड़े धूमधाम से और श्रद्धा भाव से मनाती आ रही हैं. जिसका सबूत एक बार फिर इस राम नवमी में देखने को मिला.
जब मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संयुक्त द्वारा राम नवमी महाआरती का आयोजन हुआ. जिसमें वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया. फूलो से सजी थाली लिए महिलाएं आरती करती नजर आईं. जिसका वीडियो में राम सीता की प्रतिमा रखी हुई है वहीं उनके पीछे रखें बोर्ड में उर्दू में राम नवमी लिखा नजर आ रहा है. यह वीडियो धर्म के भेदभाव से परे आपसी प्यार सौहार्दपूर्ण भावना को दर्शाता है.
राम हमारे पूर्वज हैं
इसपर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष नानजीन अंसारी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, 'भगवान राम हमारे पूर्वज हैं कई मुगल आए जिन्होंने हमारे देश पर आक्रमण किया और धर्म बदलने को मजबूर किया लेकिन हमने कभी उनकी संस्कृति को नहीं अपनाया. हमारे लिए राम भारतीय संस्कृति ही काफी है. आज रामनवमी के मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में लिखी राम आरती गाई और जय श्री राम के नारे भी लगाए.
यह किसी प्रचार से कम नहीं
हालांकि अब मुस्लिम महिलाओं द्वारा आरती किए जाने के वीडियो ने लोगों को अलग अलग वर्गों में बांट दिया है. एक ने कहा, 'अब कुछ लोग आएंगे और कहेंगे कि यह सब दिखावा है, और कहेंगे कि सभी मुसलमान बुरे हैं.' दूसरे ने कहा, 'यही भारत की सच्ची खूबसूरती है, जहां आस्था दिलों को जोड़ती है, उन्हें तोड़ती नहीं.' वहीं एक यूजर ने कहना है कि यह किसी प्रचार से कम नहीं लग रहा. उसने कहा, 'मुझे लगता है कि एक हिंदू के रूप में यह थोड़ा गलत है क्योंकि अगर उनके धर्म में इस चीज की मनाही है दूसरों की पूजा करना तो मुझे लगता है कि नहीं करने देना चाहिए. यह बहकावा ठीक नहीं है. हम वहां पर रहे और और भी जो भी कार्यक्रम है उसमें शामिल हो पूजा पाठ वो कर रहे हैं, थोड़ा सा अजीब लग रहा है. यह प्रचार ज्यादा लग रहा है और कुछ नहीं है. लेकिन हमें थोड़ा ध्यान देना चाहिए सबके भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए.'