राजस्थान रोडवेज का दफ्तर बना डांस फ्लोर! एपीओ अधिकारी और महिला अफसर की रासलीला का Video Viral

यह घटना सिर्फ एक वीडियो नहीं है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के आचरण पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. लोग पूछ रहे हैं क्या दफ्तर में काम करने की जगह अब मनोरंजन का अड्डा बन गई है?.;

( Image Source:  X : @HansrajGurjarR )
Edited By :  रूपाली राय
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राजस्थान रोडवेज के दो डिपो कार्यालयों में काम करने वाले दो बड़े प्रशासनिक अधिकारी सरकारी दफ्तर में ही रासलीला रचाते हुए कैमरे में कैद हो गए. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. जैसे ही यह वीडियो लोगों तक पहुंचा, पूरा प्रशासन हरकत में आ गया. अधिकारियों ने तुरंत दोनों को नौकरी से हटा दिया और उन्हें एपीओ (Awaiting Posting Orders) बना दिया. अब दोनों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है. ये दोनों अधिकारी हैं सुनील कुमार और गायत्री देवी. सुनील कुमार भरतपुर डिपो में तैनात हैं, जबकि गायत्री देवी लोहागढ़ डिपो में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर काम कर रही हैं. दोनों के दफ्तर एक-दूसरे के बिल्कुल पास हैं, इसलिए ये दोनों अक्सर मिलते-जुलते थे. लेकिन इस बार उनकी मुलाकात कुछ ज्यादा ही रंगीन हो गई. 

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सुनील कुमार जोर-जोर से गाना गाते हुए डांस कर रहे हैं. वे पूरी मस्ती में हैं, उनकी साथी अधिकारी गायत्री देवी मोबाइल से उनका वीडियो बना रही हैं और हंसते-खिलखिलाते हुए उन्हें चिढ़ा रही हैं. फिर एक और क्लिप में गायत्री देवी सुनील कुमार को सजाने-संवारने लगती हैं. वे उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाती हैं, माथे पर तिलक लगाती हैं और फिर लिपस्टिक भी लगा देती हैं. दोनों पूरी तरह से रासलीला के मूड में हैं जैसे कोई ड्रामा या त्योहार मना रहे हों. दफ्तर का माहौल बिल्कुल फिल्मी हो गया था.

 

सोशल मीडिया पर हंगामा

वीडियो जैसे ही ऑनलाइन आया, लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया. कोई हंस रहा था, कोई हैरान था, तो कोई गुस्से में था. सोशल मीडिया पर मीम्स बनने लगे, लोग मजाक उड़ाने लगे. कुछ ने कहा, 'ये सरकारी दफ्तर है या डांस बार?. कुछ ने पूछा, 'काम कब करते हैं ये लोग?. कई लोगों ने अधिकारियों के व्यवहार पर सवाल उठाए और कहा कि सरकारी कर्मचारी को इतनी मर्यादा रखनी चाहिए. 

प्रशासन का एक्शन

10 नवंबर को ही राजस्थान रोडवेज के उप सहायक महाप्रबंधक ने दोनों अधिकारियों को तुरंत कार्यमुक्त कर दिया. उन्हें एपीओ कर दिया गया, यानी अब वे बिना काम के बैठे रहेंगे, जब तक अगला आदेश न आए. विभाग ने साफ कहा है कि यह सरकारी कार्यालय की गरिमा के खिलाफ है. दोनों के खिलाफ जांच चल रही है और जल्द ही और सख्त कार्रवाई हो सकती है. 

बड़ा सवाल मर्यादा कहां गई?

यह घटना सिर्फ एक वीडियो नहीं है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के आचरण पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. लोग पूछ रहे हैं क्या दफ्तर में काम करने की जगह अब मनोरंजन का अड्डा बन गई है? क्या अधिकारियों को इतनी छूट है कि वे काम के समय में भी अपना मनोरंजन कर सकते हैं? यह मामला न सिर्फ राजस्थान रोडवेज के लिए शर्मिंदगी का सबब बना है, बल्कि पूरे सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रहा है. 

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