बैठकों में उलझी ब्यूरोक्रेसी! नहीं हो पाता असली काम, राजस्थान के IAS ने खोली प्रशासनिक व्यवस्था की पोल

नई जिम्मेदारी संभालते हुए अजिताभ शर्मा ने कहा कि वे अपनी 80 प्रतिशत ऊर्जा मुख्य कार्यों पर लगाएंगे. उनका कहना है कि ऊर्जा विभाग में असली काम पर ज्यादा ध्यान देना बेहद जरूरी है और इस बार वह प्रशासनिक प्रणाली को बदलने की कोशिश करेंगे.;

( Image Source:  linkedin- Ajitabh Sharma )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 27 Jun 2025 7:11 PM IST

राजस्थान के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव, अजिताभ शर्मा ने हाल ही में एक बड़ा सच सामने रखा है. उन्होंने बताया कि आईएएस अधिकारी अपना 80 प्रतिशत से ज्यादा समय ऐसे कामों में लगाते हैं, जो जरूरी नहीं होते है.  इस बात से प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं.

अजिताभ शर्मा ने लिंक्डइन पर अपना एक्सपीरियंंस शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि आईएएस अधिकारी ज्यादातर समय नॉर्मल मीटिंग, ह्यमून रिसोर्सिस के का काम, मुकदमेबाजी, सूचना के अधिकार के जवाब देने, पत्राचार और रिपोर्ट बनाने में बिजी रहते हैं. वह इसे नॉन कोर वर्क कहते हैं, जो शासन की मुख्य जिम्मेदारियों से ध्यान हटाता है.

प्रशासनिक कार्य पर उठाए सवाल

अजिताभ शर्मा जी का मानना है कि प्रशासन में बहुत ज्यादा ध्यान नियम-कानून और प्रक्रियाओं पर दिया जाता है, जिससे असली कामों पर फोकस कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि 'सभी कार्य एक जैसे चुनौतीपूर्ण नहीं होते हैं, फिर भी अधिकारी समान रूप से सभी कामों में उलझ जाते हैं. इससे डिपार्टमेंट के गोल्स पर ध्यान कम होता है.

बताया क्या है जरूरी काम

उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि ऊर्जा, जल, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे जैसे विभागों के असली मिशन पर काम करना ही ‘मुख्य कार्य’ है. वहीं, बैठकें, मुकदमे और रोजमर्रा का कागजी काम ‘गैर-मुख्य कार्य’ हैं, जो असली काम के लिए समय नहीं छोड़ते हैं. 

नहीं कर पाते कुछ नया

अजिताभ शर्मा ने कहा कि अगर अधिकारी केवल इन गैर जरूरी कामों में उलझे रहेंगे, तो न तो वे अपने विभाग के लिए कुछ नया कर पाएंगे और न ही समाज को बेहतर सेवा दे पाएंगे. यह ‘स्पेशलिस्ट एडमिनिस्ट्रेटर होने की झूठी भावना’ पैदा करता है जो लंबे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकती है.

अजिताभ शर्मा ने ठाना है कि अब उनका ज़ोर केवल असली और प्रभावशाली काम पर होगा. ऊर्जा विभाग ऐसा क्षेत्र है, जहां ज़रूरत  असल ज़मीनी काम को प्राथमिकता देने की और इस बार वह अपनी 80 प्रतिशत काम मुख्य जिम्मेदारियों पर केंद्रित होगा.


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