"साहब, अब मकान कैसे बनाऊं...." चालान बंद होने से परेशान ट्रैफिक सिपाही ने लगाई गुहार, मिला यह जवाब
जयपुर में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली की शिकायतों के चलते पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कांस्टेबल से एएसआई तक को चालान करने से रोक दिया है. इस फैसले से नाराज़ एक ट्रैफिक सिपाही ने मकान निर्माण में बाधा का हवाला देकर चालान फिर शुरू कराने की गुहार लगाई, लेकिन उसे फटकार मिली. वहीं, आदेश के उल्लंघन पर 17 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए गए हैं. इसी बीच, सटोरियों से 25 लाख की वसूली और बंदियों को पैसे लेकर शहर में घुमाने जैसे मामलों में कई पुलिसकर्मी निलंबित व गिरफ्तार किए गए हैं.

जयपुर में ट्रैफिक पुलिसकर्मी का एक अजीब मामला सामने आया है. पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ द्वारा ट्रैफिक चालान पर लगाई गई रोक से परेशान एक सिपाही ने कमिश्नरेट के अधिकारी से गुहार लगाई, "साहब, मकान का निर्माण शुरू किया है, चालान से जो आमदनी होती थी, अब वो बंद हो गई… मकान कैसे बनाऊंगा?" हालांकि, उसे कोई राहत नहीं मिली, उलटे अधिकारी की फटकार जरूर सुननी पड़ी. यह घटना अब कमिश्नरेट के गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.
क्यों लगाई गई थी चालान पर रोक?
पुलिस कमिश्नर ने यह आदेश इसलिए जारी किया, क्योंकि लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी चालान की आड़ में वसूली कर रहे हैं. खासतौर से देखा गया कि कई पुलिसकर्मी ट्रैफिक सुधारने के बजाय सड़क किनारे खड़े होकर केवल चालान काटने में लगे रहते थे. ऐसे मामलों को देखते हुए कांस्टेबल से लेकर एएसआई रैंक तक के अफसरों को चालान न करने का निर्देश दिया गया.
इस आदेश के बाद कई ट्रैफिक पुलिसकर्मी अब गुमटियों में बैठे देखे जा रहे हैं. वहीं, आदेश का उल्लंघन करने या लापरवाही बरतने पर हाल ही में 17 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
पुलिस विभाग में एक के बाद एक भ्रष्टाचार के खुलासे
- सटोरियों से 25 लाख की वसूली: जयपुर दक्षिण की एक विशेष टीम पर दो सटोरियों को पकड़कर केस दर्ज न करने के बदले 25 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगा। टीम में शामिल एक ईमानदार पुलिसकर्मी ने मामला उजागर किया। इसके बाद पांच पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज हुई, जिनमें से तीन को सस्पेंड और दो को लाइन हाजिर कर दिया गया.
- जेल से शहर में घुमाते थे बंदी: केंद्रीय कारागार जयपुर में तैनात पांच पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगे कि वे पैसे लेकर बंदियों को एसएमएस अस्पताल रेफर कराते और फिर उन्हें शहर में मौज-मस्ती करवाते थे. ईमानदार पुलिसकर्मी की सूचना पर मामला सामने आया और सभी को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया. साथ ही, इसमें शामिल 5 बंदियों और 10 अन्य लोगों को भी पकड़ा गया.
जयपुर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर नई पहल की तैयारी
बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए अब जयपुर में दो ट्रैफिक डीसीपी पद सृजित करने की चर्चा है. फिलहाल, पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की निगरानी एक ही डीसीपी संभालते हैं, जो वीवीआईपी ड्यूटी में अधिक व्यस्त रहते हैं. ऐसे में ट्रैफिक कंट्रोल को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है.