मां बनी सौदागर, पैसों के लालच में ढाई लाख में बेच दिया अपना ही बच्चा, दादा की सूझबूझ से खुली पोल

पंजाब के दुगरी क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। एक मां, जिसने अपने बच्चे को पैसों के लालच में लगभग ढाई लाख रुपये में बेच दिया, अब चर्चा का केंद्र बन गई है. शुरुआत में मां अपने बच्चे की मौत या बेटी होने की झूठी बात कहकर परिवार को भ्रमित करती रही, लेकिन बच्चे के दादा की सूझबूझ और सतर्कता ने इस डरावने राज़ को उजागर कर दिया.;

( Image Source:  Canva )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 18 Sept 2025 1:09 PM IST

लुधियाना के दुगरी क्षेत्र से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि एक मां ने पैसों के लालच में अपने ही नवजात बेटे को बेच दिया. इस चौंकाने वाले मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब बच्चे के दादा को बहू के कुछ संदिग्ध बर्ताव पर शक हुआ. दादा ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि मां ने अपने नवजात बच्चे को दो लाख रुपए के लालच में किसी व्यक्ति को बेच दिया था. पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया और उसे अस्पताल में लेकर गई, जहां डॉक्टरों ने उसका हेल्थ चेकअप किया. सौभाग्य से बच्चे की सेहत ठीक है.

कैसे हुआ खुलासा?

गजराज सिंह शहीद भगत सिंह नगर धांधरा रोड के निवासी हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके बेटे सन्नी की शादी रीटा नाम की महिला से 2016 में हुई थी. अप्रैल में सन्नी किसी बीमारी के कारण आगरा के अस्पताल में भर्ती था. इस बीच जुलाई में रीटा ने सरकारी अस्पताल जवद्दी में एक बेटे को जन्म दिया. लेकिन रीटा ने परिवार को गुमराह करने की कोशिश की. कभी कहती कि बच्चा जन्म के समय मरा हुआ था, तो कभी कहती कि बेटी हुई है. इन उलझी बातों से गजराज को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी.

पैसों के लिए मासूम की सौदेबाज़ी

पुलिस जांच में सामने आया कि रीटा ने अपने बच्चे को लगभग ढाई लाख रुपये में बेच दिया. इस सौदे में उसके साथ कई लोग शामिल थे. इनमें रूप नगर धांधरा रोड की आशा वर्कर रेनू, रीटा की मां प्रेमा देवी, अस्पताल स्टाफ और राम कुमार नाम का वर्कर शामिल बताए जा रहे हैं. पुलिस ने इन सभी को नामजद कर लिया है और फरार आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.

बच्चा किसके पास मिला?

पुलिस ने बताया कि जिस परिवार को यह बच्चा बेचा गया था, वह एक साधारण परिवार से है. फिलहाल इस परिवार से पूछताछ की जा रही है कि बच्चा उनके पास कैसे पहुंचा और सौदे में उनकी क्या भूमिका रही. पुलिस उन बिचौलियों की भी पहचान कर रही है, जिन्होंने बच्चे की खरीद-फरोख्त में अहम भूमिका निभाई.

अस्पताल का काला खेल

मामले में अस्पताल के कुछ स्टाफ का नाम सामने आना सबसे चौंकाने वाली बात है. यह साफ करता है कि इंसानियत के इस काले खेल में सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि अस्पताल से जुड़े लोग भी शामिल थे. नवजात को जन्म दिलाने वाली जगह ही जब सौदेबाज़ी का अड्डा बन जाए तो हालात और भी भयावह हो जाते हैं.

पुलिस की कार्रवाई और आगे की राह

पुलिस ने बच्चे को बरामद कर सुरक्षित अस्पताल में चेकअप कराया. रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है. अब गुरुवार तक बच्चे को दादा गजराज सिंह के हवाले किए जाने की संभावना है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाएगा.

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