लुधियाना केंद्रीय जेल हिंसा: क्यों छिड़ी कैदियों के बीच खूनी जंग? SP-DSP समेत कई अधिकारी हुए घायल
लुधियाना केंद्रीय जेल में मंगलवार को कैदियों के हिंसक उत्पात से हड़कंप मच गया. इस दौरान जेल अधीक्षक कुलवंत सिंह सिद्धू सहित कई अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. डीएसपी जगजीत सिंह और कुछ सीआरपीएफ जवान भी इस हिंसा में घायल हुए.;
Ludhiana Jail Violence: लुधियाना केंद्रीय जेल में मंगलवार को कैदियों के हिंसक उत्पात से हड़कंप मच गया. इस दौरान जेल अधीक्षक कुलवंत सिंह सिद्धू सहित कई अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. डीएसपी जगजीत सिंह और कुछ सीआरपीएफ जवान भी इस हिंसा में घायल हुए. जेल परिसर में अचानक हुई इस घटना से लुधियाना के निवासियों में भी चिंता की लहर दौड़ गई, जब शहर भर से पुलिस वाहन सायरन बजाते हुए ताजपुर रोड की ओर बढ़े.
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पुलिस के अनुसार, हिंसा की शुरुआत शाम को कैदियों के बीच हुई हाथापाई से हुई. दो कैदियों के बीच झड़प ने अन्य कैदियों को भड़काया और स्थिति जल्द ही नियंत्रण से बाहर हो गई.
हिंसा की शुरुआत और उत्पात का कारण
अधिकारियों के अनुसार, यह झड़प तब शुरू हुई जब पांच कैदियों को बाकी कैदियों से अलग किया गया. एक अधिकारी ने कहा, "पांचों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. उनमें से एक ने आरोप लगाया कि उसे उसके धर्म के कारण निशाना बनाया जा रहा है. उसने कुछ समर्थकों को इकट्ठा किया, और दूसरी तरफ के लोगों ने भी ऐसा ही किया.
जेल कर्मचारियों ने टकराव को रोकने की कोशिश की." जैसे ही जेल अधीक्षक मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, कैदियों ने ईंटें फेंकना शुरू कर दिया. एक ईंट सीधे अधीक्षक के सिर पर लगी, जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़े.
चोटिल हुए कई अधिकारी
पत्थरबाजी में कई अन्य जेल कर्मी भी घायल हुए. अधिकारियों ने बताया कि कैदियों ने ईंटें जेल के खुले क्षेत्र में स्थित बगीचे की क्यारियों से उठाईं. हिंसा बढ़ते ही जेल अधिकारियों ने सायरन बजाकर अतिरिक्त पुलिस बल के लिए मदद मांगी. कुछ ही मिनटों में लुधियाना आयुक्त स्वपन शर्मा के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बल जेल पहुंचे. पुलिस और जेल अधिकारियों ने मिलकर कैदियों को वापस उनकी बैरकों में धकेलकर स्थिति को नियंत्रण में किया.
जेल में हुई इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के आदेश दिए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में ऐसी हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और सभी कैदियों की निगरानी और व्यवहार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.