महाराष्ट्र: बदलापुर रेप के आरोपी ने पुलिस रिवॉल्वर छीनकर की फायरिंग, जवाबी हमले में गोली लगने से हुई मौत

महाराष्ट्र के बदलापुर जिले में 2 बच्चियों से यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे को गोली लग गई है। आरोपी ने पहले पुलिस रिवॉल्वर छीनी और फायरिंग करने लगा। उसकी गोली लगने से एक पुलिस अफसर घायल हो गया। इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी शिंदे को गोली लग गई। अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया है।;

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महाराष्ट्र के बदलापुर जिले में 2 बच्चियों से यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे को गोली लग गई है। आरोपी ने पहले पुलिस रिवॉल्वर छीनी और फायरिंग करने लगा। उसकी गोली लगने से एक पुलिस अफसर घायल हो गया। इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी शिंदे को गोली लग गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया है। शुरुआत में जानकारी मिली थी कि आरोपी ने पिस्तौल छीनकर खुद पर ही गोली चलाई है।

बता दें, आरोपी अक्षय ने 1 अगस्त को स्कूल जॉइन किया था और उसके 12 दिन बाद ही इस घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद लड़कियां स्कूल जाने से डरने लगी। जब माता-पिता ने लड़की को भरोसे में लेकर पूछताछ की तो यौन शोषण की बात सामने आई।

बच्ची के माता-पिता ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से संपर्क किया और उनकी मदद से बदलापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। तब जाकर 16 अगस्त केस दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभदा ने पॉक्सो का केस होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करने में देरी की तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

आरोपी ने कबूला था अपराध

आरोपी अक्षय शिंदे ने मेडिकल जांच में डॉक्टर के सामने अपने अपराध को स्वीकार किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी थी। पुलिस की चार्जशीट में भी इसका जिक्र है। मामले में डॉक्टर, स्कूल स्टाफ, फॉरेंसिक टीम के अधिकारियों समेत 20 लोगों की गवाही दर्ज हुई थी।

बच्चियों ने क्या कहा?

पुलिस ने जब बच्चियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि 'दादा' ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। तब से बच्चियां डरी हुईं हैं। स्कूल में जहां घटना हुई थी, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।

स्कूल पर केस दबाने का आरोप

महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया था कि स्कूल ने बच्चियों के पेरेंट्स की मदद नहीं की और अपराध को छिपाया। स्कूल अगर समय पर संज्ञान लेता और शिकायत दर्ज कराता तो ये स्थिति नहीं होती। मामले को लेकर आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पूरा रिपोर्ट दिया है।

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