कौन हैं IAS अफसर नागार्जुन बी गौड़ा? 51 करोड़ के जुर्माने को 4 हजार करने के लिए 10 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप

मध्य प्रदेश के चर्चित IAS अधिकारी नागार्जुन बी. गौड़ा पर आरोप है कि उन्होंने हरदा एडीएम रहते हुए एक कंपनी पर 51 करोड़ रुपए का जुर्माना घटाकर केवल 4 हजार रुपए कर दिया और इसके बदले में 10 करोड़ रुपए की रिश्वत ली. गौड़ा खंडवा जिला पंचायत के CEO हैं और पहले भी नियम, कानून और प्रशासनिक मामलों में चर्चा में रह चुके हैं. वे मोटिवेशनल स्पीकर और एथिक्स पर किताब के लेखक भी हैं.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 10 Oct 2025 10:43 AM IST

मध्य प्रदेश के खंडवा जिला पंचायत के CEO और चर्चित IAS अधिकारी नागार्जुन बी. गौड़ा एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. उनके खिलाफ सोशल मीडिया और आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने हरदा SDM रहते हुए पाथ इंडिया कंपनी को लाभ पहुंचाया. आरोप है कि कंपनी पर अवैध खनन के चलते 51 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था, जिसे गौड़ा ने मात्र 4,032 रुपए कर दिया.

सोशल मीडिया पर इस मामले ने जोर पकड़ लिया है और लोग आईएएस अधिकारी नागार्जुन बी. गौड़ा को ट्रोल कर रहे हैं. हालांकि अधिकारी ने बताया कि फैसला पूरी तरह से नियमों और दस्तावेजों के आधार पर लिया गया. उन्होंने कहा, 'कोर्ट में मेरे सामने जो दस्तावेज रखे गए, उसके आधार पर ही मैंने यह निर्णय लिया, सब कुछ लीगल है. अगर कोई असंतुष्ट था, तो अपील कर सकता था, लेकिन दो साल में किसी ने अपील नहीं की.'

क्या है पूरा विवाद?

यह पूरा विवाद पाथ इंडिया कंपनी से जुड़ा है. कंपनी ने इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे का निर्माण किया था और आरोप है कि कार्य के दौरान अंधेरीखेड़ा में बिना अनुमति के 3.11 लाख घनमीटर मुरम मिट्टी की खुदाई की गई. तत्कालीन एडीएम प्रवीण फूलपगारे ने कंपनी को 51 करोड़ 67 लाख 64 हजार 502 रुपए का जुर्माना लगाया था. प्रवीण फूलपगारे के ट्रांसफर के बाद डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा हरदा एडीएम बने और उन्हें यह केस सौंपा गया. गौड़ा ने मामले की समीक्षा के बाद कंपनी द्वारा 2,688 घनमीटर मिट्टी की खुदाई मानते हुए जुर्माने को केवल 4,032 रुपए कर दिया. इस निर्णय ने आरटीआई एक्टिविस्ट और जनता में सवाल खड़े कर दिए.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने उठाए सवाल

हरदा के आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट ने इस मामले को सार्वजनिक किया. उनका आरोप है कि फैसले में गड़बड़ी हुई है और कंपनी को विशेष लाभ दिया गया. जाट ने कहा कि ग्रामीणों के पास फोटो और वीडियो मौजूद थे, लेकिन फैसले में इन्हें नहीं माना गया. नागार्जुन बी. गौड़ा ने नवभारत टाइम्स से कहा, “पूर्व के एडीएम ने फाइन नहीं लगाया था, मैंने दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर फैसला लिया. खसरे और परमिशन की समीक्षा के बाद जुर्माना कम करना उचित था. इसमें कोई भी गैरकानूनी कदम नहीं उठाया गया. अगर किसी को आपत्ति थी तो कोर्ट में अपील की जा सकती थी."

कौन हैं आईएएस अधिकारी नागार्जुन बी. गौड़ा

नागार्जुन बी. गौड़ा मध्य प्रदेश के चर्चित IAS अधिकारी हैं, जो 2019 बैच के हैं और वर्तमान में खंडवा जिला पंचायत के CEO हैं. वे एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. गौड़ा ने कई किताबें लिखी हैं और UPSC अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन तथा मोटिवेशन प्रदान करते हैं. वे अपने प्रशासनिक फैसलों और सशक्त छवि के लिए जाने जाते हैं. इन पर आरोप है कि कंपनी पर अवैध खनन के चलते 51 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था, जिसे गौड़ा ने मात्र 4,032 रुपए कर दिया.

IAS नागार्जुन गौड़ा मामले पर सोशल में क्या हल्ला?

IAS नागार्जुन गौड़ा मामले में सोसल मीडिया में बवाल मचा हुआ है. 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 नाम के एक यूजर ने लिखा कि, 10 करोड़ की घूस लेकर 51 करोड़ का जुर्माना केवल 4 हजार में खत्म कर दिया गया. यह कारनामा किया है मध्यप्रदेश के आईएएस अफसर डॉ. नागार्जुन गौड़ा ने. पाथ इंडिया कंपनी जो हाईवे निर्माण कर रही थी, उसने बिना अनुमति के 60 फीट खुदाई कर दी. इलाका तालाब में बदल गया. ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप धरना दिया. 2023 में जांच में भारी गड़बड़ी पाई गई और अवैध खनन के चलते कंपनी पर 51 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. एडीएम गौड़ा ने पोस्टिंग मिलते ही जांच की. आरोप ज्यों के त्यों रहे, लेकिन जुर्माना घटाकर केवल 4 हजार कर दिया. अब हंगामा खड़ा हो गया है. एक्टिविस्ट आनंद जाट ने पूरे मामले को उजागर कर दिया है. Govind Pratap Singh नाम के एक यूजर ने लिखा कि, ये हैं IAS अफसर नागार्जुन बी गौड़ा, नागार्जुन पर गंभीर आरोप हैं, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने एक कंपनी पर लगे 51 करोड़ के जुर्माने को घटाकर 4 हजार कर दिया. इसके बदले में उन्होंने 10 करोड़ की घूस ली. नागार्जुन गौड़ा एथिक्स पर किताब लिख चुके हैं. मोटिवेशनल स्पीकर हैं.

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