39 फीट गहरे बोरवेल में 16 घंटे तक फंसा था बच्चा, एनडीआरएफ की मदद से बाहर निकलते ही तोड़ा दम

राघौगढ़ के पिपलिया गांव का रहने वाला सुमित शनिवार शाम को पतंग उड़ाने के लिए निकला था, तभी गलती से पुराने बोरवेल में गिर गया. हालांकि एनडीआरएफ द्वारा बचाए जाने के बावजूद बच्चे ने दम तोड़ दिया.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 29 Dec 2024 6:06 PM IST

गुना जिले के राघौगढ़ में एक बोरवेल में गिरे 10 वर्षीय बच्चे की 39 फीट की गहराई में लगभग 16 घंटे तक फंसे रहने के बाद बचाए जाने के कुछ ही घंटों बाद मौत हो गई. बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. लड़के की पहचान सुमित मीना के रूप में हुई, जिसे स्ट्रेचर पर बाहर निकालने के बाद एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने बचाया. उन्हें तुरंत एम्बुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत गंभीर बताई गई. उसे स्थिर करने के प्रयासों के बावजूद, अस्पताल लाए जाने के कुछ ही समय बाद बच्चे की मौत हो गई.

राघौगढ़ के पिपलिया गांव का रहने वाला सुमित शनिवार शाम को पतंग उड़ाने के लिए निकला था, तभी गलती से पुराने बोरवेल में गिर गया. लंबे समय तक उसके लापता रहने के बाद, उसके परिवार और स्थानीय ग्रामीणों ने उसकी तलाश शुरू की. उन्होंने उसका सिर बोरवेल के गड्ढे की सतह से ऊपर देखा और अधिकारियों को सतर्क कर दिया.

45 फुट का गड्ढा खोदा

एक बचाव दल को घटनास्थल पर भेजा गया और दो जेसीबी और एक पोकलेन मशीन का इस्तेमाल करके खुदाई शुरू की गई. जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, सहायता के लिए दो और जेसीबी मंगाई गईं. बचाव दल ने रात भर काम किया और सुबह 4:30 बजे तक बोरवेल के समानांतर 45 फुट का गड्ढा खोदा. इसके बाद एनडीआरएफ कर्मियों ने हाथ से गड्ढे से बोरवेल तक एक सुरंग बनाई. जब बोरवेल में कैमरा डाला गया तो पता चला कि बच्चे की गर्दन के नीचे पानी दिख रहा है. पूरे ऑपरेशन के दौरान, सुमित के पिता पास के एक मंदिर की सीढ़ियों पर बैठे रहे और अपने बेटे की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते रहे.

बच्चे ने तोड़ दिया दम

ऑपरेशन के दौरान बच्चे को स्थिर रखने के लिए पाइप के जरिए ऑक्सीजन दी गई. कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. बचाव प्रयासों के दौरान बच्चे की सुरक्षा में सहायता के लिए डॉक्टरों और एम्बुलेंस सहित मेडिकल टीमें तैयार थीं, साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की गई थी. हालांकि, बचाव के साहसिक प्रयास के बावजूद, लड़के ने अस्पताल लाए जाने के कुछ ही समय बाद दम तोड़ दिया. गुना के एसपी संजीव सिन्हा ने टीओआई को बताया कि बच्चे की मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चलेगा. 

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