पार्टी बनी मौत का कारण, MP में पुलिसवालों ने डीएसपी के साले की पीट-पीटकर की हत्या, मामला दबाने के लिए मांगे 10 हजार रुपये
भोपाल के पिपलानी थाना क्षेत्र में पुलिसकर्मियों की बेरहमी से की गई पिटाई के कारण डीएसपी के साले उदित की मौत हो गई. पार्टी के दौरान हुई विवादित मारपीट के बाद उदित की हालत गंभीर हो गई, जिसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इस मामले में दो पुलिस कांस्टेबलों को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है.;
मध्य प्रदेश के पिपलानी इलाके से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने फिर से पुलिस के काम करने पर सवाल उठा दिए हैं. जहां 21 साल के बीटेक के स्टूडेंट और डीएसपी के साले को 2 पुलिसवालों ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. यह दर्दनाक घटना उस समय हुई जब छात्र अपने दोस्तों के साथ बगीचे के पास पार्किंग में पार्टी कर रहा था.
पुलिस की बेरहमी ने न केवल परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि पूरे इलाके में खौफ और गुस्सा भी फैला दिया. इतना ही नहीं, पुलिस ने कथित तौर पर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी और मामले को निपटाने के लिए 10,000 रुपये भी मांगे.
रात का जश्न और अनहोनी
उदित ने हाल ही में सीहोर के आष्टा के एक प्राइवेट कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद उसे पुणे और बेंगलुरु में नौकरी के ऑफर मिले, लेकिन वह आगे की पढ़ाई के लिए बेंगलुरु गया था. कुछ दिन पहले ही वह अपने कॉलेज के डॉक्यूमेंट्स लेने भोपाल लौटा था. गुरुवार को उसने कॉलेज से डिग्री हासिल की और दोस्तों के साथ जश्न मनाने के लिए बाहर गया. देर रात वह और उसके कुछ दोस्त इंद्रपुरी इलाके में एक बगीचे के पास अपनी कार पार्क करके पार्टी कर रहे थे. यह रात उनके लिए अफ़सोसनाक और हादसे भरी साबित हुई.
पुलिस ने डीएसपी के साले की पिटाई
दरअसल रात के करीब 1:30 बजे पेट्रोलिंग के लिए मौजूद दो पुलिसवालों ने वहां खड़ी कार देखी. पुलिस के मुताबिक, दोनों कार की जांच के लिए पास गए, लेकिन मृतक उदित के दोस्तों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें डंडों से पीटा. डर के मारे उदित कार से बाहर भागा और पास की गली में छुप गया, लेकिन पुलिसकर्मी उसका पीछा करते रहे और लगातार मारपीट की. उदित और उसके दोस्तों ने यह भी बताया कि पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी और मामले को सुलझाने के लिए दस हजार रुपये की मांग की.
अस्पताल तक का दर्दनाक सफर
घटना के तुरंत बाद उदित अपने एक दोस्त के साथ कार में बैठा. उसे बेचैनी और घबराहट महसूस हो रही थी और रास्ते में उसने तीन-चार बार उल्टियां कीं. जब वे आनंद नगर पुलिस चौकी पहुंचे, तो फोन लौटाने के दौरान उदित का हाथ अचानक लड़खड़ा गया और वह बेहोश हो गया. उसके दोस्तों ने तुरंत उसे निजी अस्पताल ले जाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी नब्ज़ न चलने की बात कही और उसे एम्स भोपाल रेफर कर दिया. सुबह लगभग चार बजे, एम्स में उसे मृत घोषित कर दिया गया.
पुलिस की कार्रवाई और कानूनी पहल
घटना की खबर मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत दोनों कांस्टेबलों को सस्पेंड कर दिया. डीसीपी (ज़ोन-2) विवेक सिंह ने बताया कि शुरूआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पैनक्रिएटिक ब्लीडिंग पाया गया है. पुलिस अब कानूनी सलाह ले रही है कि आरोपी कांस्टेबलों के खिलाफ हत्या या गैरइरादतन हत्या की धाराएं लगाई जाएं या नहीं. कांस्टेबल संतोष बामनिया और सौरभ आर्य ने अपने बचाव में कहा कि वे उस रात गश्त पर थे और संदिग्ध परिस्थितियों में खड़ी कार को देखने के लिए रुके थे.