छोटी जात का था दामाद, पत्नी को घरवालों से लाया था मिलाने, मौका लगते ही ससुर समेत रिश्तेदारों ने मिलकर की हत्या

ओम प्रकाश को गंभीर हालत में ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां वह पूरे छह दिन तक मौत और ज़िंदगी के बीच जूझते रहे, लेकिन आखिरकार रविवार की शाम उन्होंने दम तोड़ दिया. उनकी मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, घर का माहौल मातम में बदल गया.;

( Image Source:  AI Perplexity )
Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 4 Dec 2025 6:07 PM IST

रविवार को ग्वालियर ज़िले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया. 25 साल के एक दलित युवक, ओम प्रकाश बाथम, की मौत हो गई. यह मौत अचानक नहीं हुई, बल्कि पांच दिन पहले हुए निर्मम हमले का नतीजा थी. ओम प्रकाश ने इसी साल जनवरी में अपने प्यार शिवानी झा से शादी की थी. शिवानी एक अलग जाति वाले परिवार से आती थीं और उनके परिवार को यह रिश्ता बिल्कुल मंज़ूर नहीं था. दोनों ने समाज और परिवार के दबाव के बावजूद कोर्ट मैरिज की और अलग-अलग जगहों पर रहकर अपनी ज़िंदगी बसाने की कोशिश की. शादी से पहले भी दोनों कई बार अपने परिवारों के विरोध का सामना कर चुके थे, लेकिन शिवानी ने हर बार साफ़ कहा था कि वह अपने पति ओम प्रकाश के साथ रहना चाहती हैं.

लेकिन शादी के बाद से ही मुसीबतें कम नहीं हुईं, गांव की पंचायत ने भी ओम प्रकाश को अपनी जाति से बाहर शादी करने के लिए 51,000 रुपये का जुर्माना लगाया और उनके पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का आदेश दिया. यह दबाव इतना ज़्यादा था कि दोनों को लंबे समय तक गांव से दूर रहना पड़ा. 19 अगस्त को, रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने के लिए ओम प्रकाश अपनी पत्नी के साथ गांव लौटे. वह बस अपने माता-पिता से मिलने आए थे, ताकि इस खास दिन पर घरवालों के साथ रह सकें. लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था. 

मौका लगते ही किया हमला 

जैसे ही उन्हें पता चला कि ओम प्रकाश गांव में है, शिवानी के पिता द्वारका प्रसाद झा ने अपने रिश्तेदारों राजेश उर्फ राजू झा, उमा ओझा और संदीप शर्मा के साथ मिलकर उस पर हमला कर दिया. पुलिस के मुताबिक, ये लोग सीधे ओम प्रकाश के घर में घुसे, उसे ज़बरदस्ती बाहर घसीटा और लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान जब शिवानी ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो हमलावरों ने उसे भी बुरी तरह घायल कर दिया. 

जूझते रहें जिंदगी और मौत के बीच 

ओम प्रकाश को गंभीर हालत में ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां वह पूरे छह दिन तक मौत और ज़िंदगी के बीच जूझते रहे, लेकिन आखिरकार रविवार की शाम उन्होंने दम तोड़ दिया. उनकी मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, घर का माहौल मातम में बदल गया. हरसी गांव में स्थित उनके छोटे से घर में, मिट्टी के आंगन में बैठी उनकी मां अपने आंसू रोक नहीं पा रही थी. रोते हुए उन्होंने कहा, 'वह तो बस मुझे देखने आया था. हर बेटे की तरह वह भी रक्षाबंधन घर पर ही मनाना चाहता था. उसने कोर्ट मैरिज की थी, लड़की की भी सहमति थी. फिर भी मेरे बेटे की जान ले ली गई. 

कुल 12 लोगों पर केस दर्ज  

पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि 2023 में भी शिवानी के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन तब पुलिस ने साफ़ कर दिया था कि शिवानी बालिग है और अपनी इच्छा से पति के साथ रह सकती है. इसके बावजूद, लड़की का परिवार लगातार नाराज़ रहा और धमकियां देता रहा कि ओम प्रकाश को कभी गांव में कदम नहीं रखना चाहिए. हमले के बाद पुलिस ने पहले तो मारपीट का मामला दर्ज किया था, लेकिन अब युवक की मौत हो जाने के बाद आरोपियों पर हत्या का मामला भी दर्ज कर लिया गया है. थाना प्रभारी अजय सिंह सिकरवार ने बताया कि इस मामले में कुल 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. मुख्य आरोपी, यानी लड़की का पिता द्वारका प्रसाद झा, फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है और फरार बताया जा रहा है. 

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