अगर कोई कर दे ये दो काम, जीवन में एक रुपये नहीं लूंगा; बाबा बागेश्वर ने दक्षिणा लेने की बताई वजह
देशभर में बाबा बागेश्वर के नाम से मशहूर कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर अपनी सादगी और नेकनीयत का परिचय दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दक्षिणा केवल दो विशेष कारणों से लेते हैं और इसके अलावा अपनी जेब में एक रुपया भी नहीं रखते. शास्त्री ने कहा कि यदि कोई उनके बताए गए दो समाजसेवी कार्यों कैंसर हॉस्पिटल निर्माण और अन्नपूर्णा भंडारा को पूरा करने का संकल्प ले, तो वह हनुमान जी की कसम खाकर, पूरी जिंदगी दक्षिणा नहीं लेंगे.

देशभर में बाबा बागेश्वर के नाम से मशहूर कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर अपनी सादगी और नेकनीयत का परिचय दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दक्षिणा केवल दो विशेष कारणों से लेते हैं और इसके अलावा अपनी जेब में एक रुपया भी नहीं रखते. शास्त्री ने कहा कि यदि कोई उनके बताए गए दो समाजसेवी कार्यों कैंसर हॉस्पिटल निर्माण और अन्नपूर्णा भंडारा को पूरा करने का संकल्प ले, तो वह हनुमान जी की कसम खाकर, पूरी जिंदगी दक्षिणा नहीं लेंगे.
साथ ही, बाबा बागेश्वर ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लिए भी मुफ्त में कथा करने की इच्छा जताई है. शास्त्री ने कहा कि वह टेंट और साउंड खुद लाएंगे, केवल यजमान बनने की आवश्यकता है. उनका कहना है कि धर्म और सेवा के काम में धन का महत्व नहीं, बल्कि लोगों की भलाई और समाज कल्याण सर्वोपरि है.
दो मजबूरियों के कारण लेते हैं दक्षिणा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि उनकी दक्षिणा लेने की दो मजबूरियां हैं. उन्होंने कहा कि 'हम दक्षिणा लेते हैं, हमारी दो मजबूरियां हैं. एक कैंसर हॉस्पिटल की मजबूरी. हमारा क्षेत्र बहुत पिछड़ा है, गरीबी है. लोग आस्था के नाम पर धर्मांतरण करते हैं. हमारी इच्छा है कि मंदिर बनाकर नहीं, अस्पताल बनाकर मरे. दूसरा अन्नपूर्णा भंडारा.' इससे स्पष्ट होता है कि शास्त्री का लक्ष्य केवल धार्मिक प्रचार नहीं, बल्कि सामाजिक कल्याण भी है.
हनुमान जी की कसम, एक रुपया अपनी जेब में नहीं
बाबा बागेश्वर ने कहा कि यदि कोई कैंसर हॉस्पिटल और अन्नपूर्णा भंडारा का संकल्प ले, करने को तैयार हो, तो मैं ताल ठोककर, हनुमान जी की कसम खाकर कहता हूं। जब तक जिएंगे, एक रुपया अपनी जेब में नहीं लेंगे. उसको ही देंगे. बस ये दो स्वप्न पूरे कर दे.'
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनका भजन और कथा कभी धन के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि 'कोई देता है तो सदुपयोग के लिए लेने में क्या बुराई है. इस देश में नाचने वाले करोड़ों लेते हैं, नेता वेतन लेते हैं, घूसखोरी अलग. लेकिन दक्षिणा लेकर यदि कोई बेटियों का घर बसाए, भंडारा कराए, कैंसर हॉस्पिटल बनाए, तो यह बेहतर कार्य है.
अखिलेश यादव के लिए मुफ्त कथा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह भी कहा कि वह समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लिए मुफ्त में कथा देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि टेंट और साउंड भी खुद लाएंगे, बस यजमान बनने की आवश्यकता होगी. यह कदम उनकी सादगी और समाजसेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.