झारखंड पुलिस को मिली पहली ‘लेडी बॉस’, जानें कौन हैं DGP तदाशा मिश्रा?

झारखंड पुलिस को पहली बार महिला डीजीपी मिली है. ​हेमंत सोरेन सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है. उनके कार्यकाल से झारखंड पुलिस में महिला नेतृत्व का नया अध्याय शुरू हुआ है. इससे पहले, वो गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थीं.;

( Image Source:  @ians_india · )
Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 7 Nov 2025 1:30 PM IST

झारखंड के पुलिस इतिहास में बड़ा बदलाव हुआ है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ने राज्य की पहली महिला डीजीपी बनकर इतिहास रच दिया है. यह नियुक्ति न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से अहम है बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़ा पड़ाव माना जा रहा है. राज्य सरकार ने उनकी कार्यशैली, अनुशासन और फील्ड अनुभव को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है. उन्हें तत्काल प्रभाव से डीजीपी नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया है.

कौन हैं तदाशा मिश्रा?

तदाशा मिश्रा भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की 1990 बैच की अधिकारी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बिहार कैडर से की थी. बाद में झारखंड के गठन के बाद वे झारखंड कैडर में आ गईं. तदाशा मिश्रा अपनी सख्त छवि और संवेदनशील नेतृत्व शैली के लिए जानी जाती हैं.

तदाशा मिश्रा भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की 1990 बैच की अधिकारी हैं और झारखंड कैडर से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बिहार से की थी. झारखंड गठन के बाद राज्य की कानून व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

तदाशा की खासियत

उन्होंने राज्य के कई अहम जिलों में एसपी और आईजी के रूप में काम किया है. उनकी पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में है जो प्रशासनिक कार्यकुशलता और जमीनी policing दोनों में पारंगत हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने महिला सुरक्षा, नक्सल प्रभावित इलाकों में सुधार और पुलिस प्रशिक्षण में आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया.

उनकी नियुक्ति के साथ झारखंड पुलिस को न सिर्फ पहली महिला प्रमुख मिली है बल्कि एक ऐसा चेहरा भी, जो सख्ती के साथ कामकाज में मानवीय दृष्टिकोण रखता है. राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में उनकी नियुक्ति को झारखंड पुलिस के लिए प्रेरणादायक और ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है.

तदाशा मिश्रा को डीजीपी नियुक्त करने से पहले झारखंड कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता ने डीजीपी पद से इस्तीफा दे दिया था. गुप्ता को 2022 में डीजी रैंक पर पदोन्नत किया गया था. इसके बाद उन्हें 26 जुलाई, 2024 को पहली बार झारखंड का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें पद से हटा दिया गया था, लेकिन 28 नवंबर, 2024 को उन्हें फिर से डीजीपी नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्हें 3 फरवरी, 2025 को नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया.

अनुराग को 2 साल पहले क्यों छोड़ना पड़ा डीजी का पद?

आईपीएस अनुराग गुप्ता का कार्यकाल फरवरी 2027 तक चलने वाला था, लेकिन 22 अप्रैल, 2025 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि डीजीपी के रूप में अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नियमों के अनुसार नहीं थी.

सीएम सोरेन पर लगे आरोप

दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने भी IPS अधिकारी अनुराग की नियुक्ति पर कई सवाल खड़े किए थे. उन्होंने तर्क दिया था कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन है. डीजीपी की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार सूची में से किसी एक को नियुक्ति की जानी थी. इसकी उपेक्षा करते हुए हेमंत सोरेन की सरकार ने यूपीएससी को दरकिनार करते हुए अपनी इच्छा से अनुराग गुप्ता को डीजीपी नियुक्त कर दिया. जबकि आईपीएस अनुराग गुप्ता का नाम यूपीएससी द्वारा अनुशंसित नामों की सूची में नहीं था.

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