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कौन हैं IPS ऑफिसर अनुराग गुप्ता? जानें अचानक क्यों दिया झारखंड DGP पद से इस्तीफा

Who Is DGP Anurag Gupta: सूत्रों का कहना है कि झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सरकार ने उन्हें 26 जुलाई 2024 को झारखंड में गृह मंत्रालय ने DGP के पद पर नियुक्त किया, जिसके बाद 3 फरवरी 2025 को उनकी नियुक्ति नियमित रूप से दो-वर्षीय कार्यकाल के लिए सुनिश्चित कर दी गई.

कौन हैं IPS ऑफिसर अनुराग गुप्ता? जानें अचानक क्यों दिया झारखंड DGP पद से इस्तीफा
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( Image Source:  @MithilaWaala )

Who Is DGP Anurag Gupta: झारखंड पुलिस से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस मामले में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. सूत्रों का कहना है कि गुप्ता अपना पद छोड़ चुके हैं और जल्द एलान कर दिया जाएगा. इस फैसले के पीछे क्या वजह है ये भी पता नहीं चल पाया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनुराग गुप्ता 1990 बैच के IPS ऑफिसर हैं. उनकी सेवानिवृत्ति के बाद अचानक वह चर्चा में आए थे. क्योंकि रिटायर होने के बाद उन्हें डीजीपी बनाया गया था. आगे हम आपको उनके बारे में बताएंगे.

कौन हैं IPS अनुराग गुप्ता?

अनुराग गुप्ता एक सीनियर IPS अधिकारी हैं. उन्होंने लंबे समय तक झारखंड पुलिस में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, इनमें क्राइम इन्वेस्टिगेशन विभाग (CID) के महानिदेशक और भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (ACB) के अतिरिक्त प्रभार में डायरेक्टर जनरल की जिम्मेदारी शामिल हैं.

राज्य सरकार ने उन्हें 26 जुलाई 2024 को झारखंड में गृह मंत्रालय ने DGP के पद पर नियुक्त किया, जिसके बाद 3 फरवरी 2025 को उनकी नियुक्ति नियमित रूप से दो-वर्षीय कार्यकाल के लिए सुनिश्चित कर दी गई. इसके तहत उन्होंने कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और पुलिस प्रणाली में सुधार को मुख्य उद्देश्य बनाया है.

कार्यकाल खत्म होने पर बवाल

उनके करियर में प्रशासनिक व संवैधानिक चुनौतियां भी देखने को मिली. अप्रैल 2025 में गृह मंत्रालय ने कहा कि उनकी सेवा अवधि 30 अप्रैल 2025 को पूरी हो चुकी है, जबकि राज्य सरकार ने उन्हें पद पर बनाए रखने का पक्ष लिया, जिससे केंद्र व राज्य के बीच नियुक्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ. इस तरह गुप्ता की नियुक्ति और सेवा-काल को लेकर एक राजनीतिक विवाद देखने को मिला.

भाजपा ने किया था विरोध

कार्यकाल पूरा होने पर भी गुप्ता को जिम्मेदारी मिलने रहने पर भाजपा ने जमकर विरोध किया था. पार्टी ने आरोप लगाया कि उनके सेवाकाल को नियम और संवैधानिक प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए बढ़ाया गया है. भाजपा ने यह भी दावा किया था कि नियमों के मुताबिक DGP-पद की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सूची से उम्मीदवार चुने जाने चाहिए, लेकिन झारखंड सरकार ने इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया.

बीजेपी के बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता की नामांकन प्रक्रिया, चयन-मानदंड और सेवा-काल विस्तार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी और कहा, राजनीतिक उद्देश्यों के कारण दायर इस अवमानना याचिका को कोर्ट की स्वीकृति नहीं मिल सकती है.

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