शराब के शौकीनों के लिए बड़ी खबर! इस राज्य में पूरी रात छलका पाएंगे जाम, बस बार संचालकों को करना होगा ये काम
झारखंड में शराब प्रेमियों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश सरकार बार और पब को पूरी रात शराब परोसने की इजाजत दे सकती है. नए वित्त वर्ष से इस पर अमल होने की संभावना है, लेकिन ऐसा करने के लिए बार संचालकों को कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी. जानिए नए नियम, शर्तें और इसके पीछे सरकार की मंशा.;
झारखंड में मुंबई, दिल्ली और अन्य महानगरों की तरह नाइटलाइफ को बढ़ावा देने और टूरिज्म सेक्टर को रफ्तार देने के लिए इस राज्य की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब यहां बार और पब पूरी रात खुले सकेंगे. यानी शराब के शौकीन देर रात तक जाम छलका पाएंगे. हालांकि, यह छूट सभी को अपने आप नहीं मिलेगी. इसके लिए बार संचालकों को तय नियमों का पालन करना होगा.
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क्या है सरकार का नया फैसला?
झारखंड सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत बार, पब और होटल लाउंज को 24 घंटे संचालन की सशर्त अनुमति देने का फैसला किया है. इसका सीधा फायदा नाइटलाइफ और पर्यटन उद्योग को मिलेगा. अभी रात के 12 बजे तक ही राज्य में बार खुले रहते हैं. अब टाइमिंग बढ़ाकर सुबह 4 बजे तक किया जा सकता है.
पूरी रात बार खोलने के लिए क्या करना होगा?
बार संचालकों को सरकार द्वारा तय शर्तें पूरी करनी होंगी, जिनमें विशेष नाइट ऑपरेशन लाइसेंस लेना, अतिरिक्त शुल्क व फीस का भुगतान, सुरक्षा गार्ड और CCTV की व्यवस्था, शराब पीकर वाहन चलाने से रोकने के उपाय और स्थानीय प्रशासन और पुलिस से अनुमति शामिल हैं.
किन जगहों पर लागू होगा नियम?
यह सुविधा झारखंड के बड़े शहरों, पर्यटन क्षेत्रों और चिन्हित कमर्शियल जोन तक सीमित रखी जा सकती है. रिहायशी इलाकों में भी सख्ती बनी रह सकती है.
शराब पीने वालों को क्या मिलेगा फायदा?
देर रात तक बार और पब का विकल्प. देर रात बार में भीड़भाड़ कम होगी. सुरक्षित और नियंत्रित माहौल और गैरकानूनी शराबखोरी पर लगाम लगेगा.
सरकार की क्या है सोच?
सरकार के पीछे कई बड़े उद्देश्य हैं. पहला विदेशी और घरेलू पर्यटकों को बेहतर नाइटलाइफ सुविधा देना. लाइसेंस फीस और बिक्री से सरकार की कमाई बढ़ेगी. अवैध गतिविधियों पर रोक और रात में चोरी-छिपे चलने वाली शराब पार्टियों पर नियंत्रण. होटल, बार, सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में नौकरियां बढ़ेंगी.
छिड़ी बहस
प्रदेश के सामाजिक संगठनों और शराबबंदी समर्थकों ने इस कदम पर चिंता भी जताई है. ऐसे लोगों का कहना है कि देर रात शराब परोसने से सामाजिक और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठ सकते हैं. बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों में शराबबंदी लागू होने के बावजूद अवैध शराब बिक्री और तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, जिससे आबकारी नीति और उसके क्रियान्वयन पर अलग-अलग बहस जारी है. अगर, आबकारी विभाग की यह योजना लागू हो जाती है, तो झारखंड में पार्टी के माहौल को नई गति मिल सकती है.
क्या कोई चिंता भी है?
हालांकि फैसले के साथ कुछ चिंताएं भी जुड़ी हैं जैसे कानून-व्यवस्था, सड़क हादसों का खतरा, सामाजिक और स्वास्थ्य से जुड़े सवाल शामिल हैं. सरकार का दावा है कि सख्त निगरानी से इन पर काबू पाया जाएगा.
पूरी रात बार खोलने की अनुमति एक बड़ा और साहसिक फैसला है. इससे जहां एक ओर शराब प्रेमियों और टूरिज्म सेक्टर को राहत मिलेगी, वहीं सरकार के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती भी रहेगी.