सीनियर एडवोकेट बनना इन अधिवक्ताओं के लिए होगा मुश्किल, झारखंड हाईकोर्ट ने मांगे आवेदन; जानें अहम बातें
झारखंड हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के नामांकन की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू कर दी है. इसके तहत साल 2025 में लागू झारखंड हाईकोर्ट (सीनियर एडवोकेट नामांकन) नियमावली के अनुसार योग्य अधिवक्ताओं से आवेदन मांगे जा रहे हैं.
झारखंड हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के नामांकन की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू कर दी है. इसके तहत साल 2025 में लागू झारखंड हाईकोर्ट (सीनियर एडवोकेट नामांकन) नियमावली के अनुसार योग्य अधिवक्ताओं से आवेदन मांगे जा रहे हैं. आवेदन के लिए कम से कम 10 साल का वास्तविक वकालत का अनुभव होना अनिवार्य है.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
हाईकोर्ट की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि झारखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता और राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों या किसी ट्रिब्यूनल में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता आवेदन कर सकते हैं. साथ ही यह घोषणा करनी होगी कि पिछले दो सालों में सुप्रीम कोर्ट या किसी हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट के लिए उनका आवेदन अस्वीकृत नहीं हुआ हो.
आवेदन की योग्यता और अंतिम तिथि
यदि किसी अधिवक्ता का आवेदन पहले खारिज किया गया है, तो वह इस प्रक्रिया में आवेदन करने के योग्य नहीं होंगे. योग्यता की गणना 12 दिसंबर 2025 तक की वास्तविक प्रैक्टिस के आधार पर की जाएगी. योग्य अधिवक्ताओं को नियम 5(1)(क) के तहत फॉर्म संख्या-1 में आवेदन भरकर 5 जनवरी 2026 को शाम 5 बजे तक चीफ जस्टिस सचिवालय में जमा करना होगा.
नामांकन प्रक्रिया के तीन चरण
सीनियर एडवोकेट के नामांकन की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाएगी
1. सचिवालय स्तर पर आवेदन की प्रारंभिक जांच
2. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में स्थायी समिति द्वारा प्रारंभिक मूल्यांकन
3. फुल कोर्ट में बहुमत से अंतिम निर्णय
पूरी प्रक्रिया आवेदन की अंतिम तिथि के छह माह के भीतर पूरी की जाएगी. यदि फुल कोर्ट में सहमति नहीं बनती है, तो सीक्रेट मतदान के जरिए फैसला लिया जाएगा.
जांच और मूल्यांकन कौन करेगा?
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनाई गई स्थायी समिति में दो वरिष्ठ न्यायाधीश सदस्य होंगे. समिति आवेदन करने वाले अधिवक्ता की प्रतिष्ठा, आचरण, ईमानदारी, प्रो-बोनो कानूनी काम और कोर्ट में उनके फैसलों का रिकॉर्ड देखेगी.
सीनियर एडवोकेट कैसे होंगे नामांकित?
कोई भी योग्य अधिवक्ता खुद आवेदन कर सकता है. इसके अलावा हाईकोर्ट की फुल कोर्ट चाहे तो बिना आवेदन के भी किसी योग्य अधिवक्ता को सीनियर एडवोकेट नामित कर सकती है. हर साल आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और पूरी प्रक्रिया छह महीने के भीतर पूरी की जाएगी.





