क्या कृत्रिम बारिश से साफ होगी दिल्ली की हवा? जानिए कैसे काम करता है Cloud Seeding और BJP पर क्यों बरसे सौरभ भारद्वाज

दिल्ली की जहरीली हवा से राहत दिलाने के लिए मंगलवार को राजधानी में क्लाउड सीडिंग की गई.आईआईटी कानपुर की टीम ने एक Cessna-206H विमान से सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड जैसे रासायनिक पदार्थ बादलों में छोड़े ताकि कृत्रिम बारिश हो सके. यह देश की राजधानी में पहली बार इस स्तर पर किया गया प्रयोग है. अगर मौसम ने साथ दिया, तो अगले कुछ घंटों में बारिश होकर प्रदूषण में कमी आ सकती है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 28 Oct 2025 7:13 PM IST

Delhi News: दिल्ली की जहरीली हवा से राहत के लिए आखिरकार बड़ा कदम उठाया गया है. मंगलवार को राजधानी में क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) की गई यानी आसमान से कृत्रिम बारिश कराने की कोशिश. यह प्रयोग आईआईटी कानपुर की टीम द्वारा किया गया, जिसमें एक विशेष Cessna-206H विमान से रासायनिक पदार्थों का छिड़काव किया गया ताकि बादलों से बारिश हो सके.

दिल्ली की हवा लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. दिवाली के बाद स्मॉग, पराली जलाने और ठंड की शुरुआत ने प्रदूषण को और बढ़ा दिया है. इसी के चलते दिल्ली सरकार और पर्यावरण विभाग ने कृत्रिम बारिश का प्रयोग शुरू किया है ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके. मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन लो विजिबिलिटी (कम दृश्यता) के कारण थोड़ी देरी हुई. बाद में विमान ने उत्तर दिल्ली के कई हिस्सों, खेखरा, बुराड़ी, मयूर विहार और आस-पास के इलाकों में उड़ान भरी.

कैसे काम करती है क्लाउड सीडिंग?

विमान ने सिल्वर आयोडाइड (Silver Iodide) और सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride) जैसे नमक-आधारित रासायनिक फ्लेयर्स छोड़े. ये पदार्थ बादलों में जाकर संघनन (Condensation) की प्रक्रिया तेज करते हैं, जिससे पानी की बूंदें बनती हैं और बारिश होती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर मौसम अनुकूल हो तो बारिश 15 मिनट से 2 घंटे के भीतर शुरू हो सकती है. हालांकि, अगर नमी कम हो या तापमान अधिक हो तो बारिश नहीं भी हो सकती.

सौरभ भारद्वाज ने साधा निशाना

आम आदमी पार्टी सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार पर बारिश में भी फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि कृत्रिम बारिश का कोई नामोनिशान नहीं दिखाई दे रहा है. इन्होंने सोचा होगा- देवता इंद्र करेंगे वर्षा, सरकार दिखाएगी खर्चा.

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया, “पहला ट्रायल सफल रहा. हमने आठ फ्लेयर्स का इस्तेमाल किया. पूरा ऑपरेशन करीब आधे घंटे चला. आज ही दूसरा और तीसरा ट्रायल भी किया जाएगा. अगर प्रयोग सफल रहता है, तो कृत्रिम बारिश से प्रदूषण स्तर में बड़ी कमी आ सकती है.” उन्होंने यह भी कहा कि बारिश शुरू होने में 15 मिनट से लेकर 4 घंटे तक का समय लग सकता है.

क्या पहले भी हुआ था ऐसा?

पिछले हफ्ते बुराड़ी इलाके में एक टेस्ट फ्लाइट की गई थी, लेकिन उस समय हवा में नमी सिर्फ 20% थी, जबकि प्रक्रिया के लिए 50% नमी की जरूरत होती है. इसलिए उस दिन बारिश नहीं हो सकी थी. इस बार मौसम विभाग के अनुमानों के मुताबिक, नमी का स्तर अधिक था, इसलिए ट्रायल की अनुमति दी गई.

दिल्ली कैबिनेट ने मई में पांच चरणों में क्लाउड सीडिंग कराने को दी थी मंजूरी

दिल्ली कैबिनेट ने मई 2025 में पांच चरणों में क्लाउड सीडिंग कराने की मंजूरी दी थी, जिसकी कुल लागत करीब ₹3.21 करोड़ है, लेकिन मौसम में उतार-चढ़ाव और तकनीकी अड़चनों के कारण यह परियोजना बार-बार टलती रही- मई से जून, अगस्त, सितंबर, फिर अक्टूबर तक. आखिरकार इस हफ्ते जाकर यह प्रयोग शुरू हुआ है. आने वाले दिनों में मौसम और प्रदूषण के स्तर के आधार पर आगे के ट्रायल तय किए जाएंगे.

राजधानी की हालत

मंगलवार सुबह दिल्लीवासियों ने घने स्मॉग और धुंध के बीच दिन की शुरुआत की. CPCB के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी का औसत AQI 305 दर्ज किया गया - यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में. शहर के 38 में से 27 मॉनिटरिंग स्टेशन ने इसी तरह के स्तर दर्ज किए.

उम्मीद की किरण

सरकार को उम्मीद है कि कृत्रिम बारिश से कम से कम कुछ घंटों या दिनों के लिए प्रदूषण में राहत मिलेगी. हल्की बूंदाबांदी भी हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) को नीचे बैठा सकती है, जिससे दृश्यता बढ़ेगी और सांस लेने योग्य हवा में सुधार होगा.

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