हर साल इस समय घने कोहरे की मार क्यों झेलते हैं दिल्ली और आस-पास के शहर?
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों जैसे गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में इस समय हर साल कोहरा छाया रहता है. जिससे लोगों परेशानी होती है. क्योंकि जीरो विजिबिलिटी की वजह से बाहर कुछ भी साफ नजर नहीं आता है.;
Weather Forecast: दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड लगातार बढ़ती जा रही है. सुबह और शाम के समय घने कोहरे की स्थिति देखने को मिल रही है. हर ओर धुएं की चादर बिछी हुई है, जिससे ड्राइविंग में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है. आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होने का अनुमान है.
जानकारी के अनुसार, राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों जैसे गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में इस समय हर साल कोहरा छाया रहता है. जिससे लोगों परेशानी होती है. क्योंकि जीरो विजिबिलिटी की वजह से बाहर कुछ भी साफ नजर नहीं आता है. आज हम आपको ऐसी स्थिति के पीछे के कारणों के बारे में बताएंगे.
हर साल घने कोहरे का कारण
हवा में नमी- हवा में नमी होने की वजह से कोहरे के निर्माण में एक अहम कारण है. हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में बारिश हुई फिर अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से नमी के बाद स्थिति और खराब हो गई. जिससे कोहरा बढ़ गया.
तापमान में गिरावट- दिल्ली-एनसीआर में ठंड लगातार बढ़ती जा रही है. खासकर सुबह के समय तापमान में काफी गिरावट रिकॉर्ड की जाती है. तापमान में इस गिरावट के कारण जमीन की हवा ठंडी हो जाती है, जिससे नमी के दबाव होता है और कोहरा बनता है.
पश्चिमी विक्षोभ- पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में हाल ही में बारिश हुई. ये विक्षोभ नमी लेकर आते हैं, जो ठंडी हवा के साथ मिलकर कोहरे का कारण बन सकते हैं.
हवा की स्पीड में कमी- जानकारी के अनुसार, हवाएं आमतौर पर कोहरे को दूर करने में मदद करती हैं, लेकिन शांत हवाओं या हल्की हवाओं के साथ, कोहरा लंबे समय तक बना रहता है. दिल्ली-एनसीआर में हवा की कमी ने घना कोहरा की स्थिति को बना रखा है. इससे AQI बढ़ गया.
आर्द्रता में वृद्धि- हवा में नमी की मात्रा कोहरे के निर्माण में एक प्रमुख कारक थी. अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से नमी के प्रवाह के बाद दिल्ली-एनसीआर उच्च आर्द्रता के स्तर ने घने कोहरे में योगदान दिया.
बढ़ता प्रदूषण- दिल्ली और एनसीआर में खराब एक्यूआई का लेवल खराब श्रेणी में पहुंच गया है. इससे मौसम संबंधी कारकों के कारण कोहरे की स्थिति और खराब हो गई. वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन और निर्माण गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण बढ़ गया है.