क्‍या होती है क्‍लाउड सीडिंग? दिल्‍ली की जहरीली हवा को दूर करने में ऐसे बन सकती है मददगार

Cloud Seeding: क्‍लाउड सीडिंग से प्रदूषण के कणों को धो सकती है. इस काम को केवल आर्टिफिशियल रैन या क्लाउड सीडिंग के माध्यम से किया जा सकता है. बढ़ते प्रदूषण के बीच आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से अपील की है.;

Artificial Rain, Delhi Pollution
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 19 Nov 2024 4:07 PM IST

Artificial Rain, Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जहरीली हवा से जंग लड़ रहा है. लगातार दूसरे दिन एयर क्वालिटी 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा. शहर में धुंध छाई रही और इससे लोगों को दूर देखने में काफी परेशानी आ रही थी. ये शायद अमूमन आम सी बात लगती है, लेकिन ये लोगों की जान पर बन रहा है और इससे लोगों की उम्र भी कम हो रही है.

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली सरकार और एजेंसियों के साथ एक आपात बैठक बुलाई जाए और वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की जा सके. आप सरकार इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी चाहती है.

क्या होती है 'क्लाउड सीडिंग'?

आम भाषा में बात करें तो क्लाउड सीडिंग कृत्रिम बारिश कराने का एक तरीका है. इसके लिए साइंटिस्ट आसमान में एक ऊंचाई पर सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और असाधारण नमक को बादलों में छोड़ते हैं. इस प्रक्रिया को 'क्लाउड सीडिंग' कहते हैं. ये सभी बर्फ के छोटे पार्टिकल की तरह काम करते हैं, जो नमी को इकट्ठा करते हैं और फिर बारिश का रूप ले लेते हैं. ये काम एरोप्लेन के अलावा बैलून, रॉकेट या ड्रोन से भी कर सकते हैं.

सर्दियों के मौसम वाले बादल में अक्सर पानी की कमी होती है, ऐसे में बादल का सेलेक्शन भी करना होता है. क्लाउड सीडिंग का पहला प्रयोग 1946 में अमेरिकी रसायनज्ञ और मौसम विज्ञानी ने किया था. थाविन्सेंट जे. शेफ़र ने सीडिंग की शुरुआत की और तब से विमान, रॉकेट, तोपों और जमीनी जनरेटर से सीडिंग की जाती रही है.

जहरीली हवा को दूर कर सकती है 'क्लाउड सीडिंग'

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदूषक का स्तर PM2.5 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की दैनिक सीमा से 60 गुना अधिक था. दिल्ली में अक्टूबर से ही हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि 'क्लाउड सीडिंग' का सहारा लिया जाए, क्योंकि स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि यही एक रास्ता है, जिससे हवा से जहर को नीचे लाया जा सके.

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