मूसेवाला हत्याकांड के लिए दिए थे हथियार, अब दूसरी बार जमानत मिलने के बाद से फरार; कौन है शहबाज अंसारी?

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में आरोपियों को हथियार सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार शहबाज अंसारी कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहा है. पुलिस अभी तक उसे ट्रेस नहीं कर पाई है. अब आरोपियों के गायब होने से जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं. पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.;

( Image Source:  AJAY PUNIA/ @THENEWINDIA23 )
Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 12 July 2025 12:55 PM IST

पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने देशभर में तहलका मचा दिया था. इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड में पुलिस ने कई गैंगस्टर्स और हथियार सप्लायर्स को शहबाज अंसारी को गिरफ्तार किया था. इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. मूसेवाला की हत्या में हथियार सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी को कोर्ट के फरवरी 2023 में अदालत ने 5 दिनों के जमानत पर रिहा किया था. तब से वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर अदालत में पेश नहीं हो रहा था. पिछले महीने उसने फिर अदालत से जमानत हासिल कर लिया था, लेकिन अब वो फिर से फरार है. पुलिस अभी तक उसे ट्रेस नहीं कर पाई है. पुलिस ने अब आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है.

दरअसल, शहबाज अंसारी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले का रहने वाला है. दिसंबर 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को हथियार और गोला बारूद सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. पटियाला हाउस कोर्ट के एक अवकाशकालीन न्यायाधीश ने 18 जून को एक महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी. जमानत पर बाहर आने के बाद से वह पुलिस की पहुंच से दूर है.

2 साल तक करता रहा जमानत की शर्तो का उल्लंघन

शहबाज अंसारी को पहली बार 3 फरवरी 2023 को पांच दिनों की अंतरिम जमानत इस आधार पर दी गई थी कि उनकी पत्नी गर्भवती हैं. चार दिन बाद उसने 30 दिनों के लिए जमानत विस्तार मांगा. एनआईए ने अदालत को बताया कि अंसारी ने अपनी लोकेशन नहीं बताई और उनकी याचिका खारिज कर दी गई. अंसारी ने बाद में अंतरिम जमानत के लिए दो बार अदालत का रुख किया, लेकिन कोई फायदा उसे नहीं ​मिला.

अक्टूबर 2023 में उन्होंने दलील दी कि उनकी बहन की शादी कराने के लिए परिवार में कोई और पुरुष सदस्य नहीं है. लेकिन एनआईए ने अदालत को बताया कि परिवार में कई अन्य पुरुष सदस्य भी हैं और अंसारी को अपराधियों के अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा. जनवरी 2024 में अंसारी ने एक महीने की जमानत मांगी. अदालत ने इस बार भी याचिका खारिज कर दी.

पिछले महीने, अंसारी ने अपनी पत्नी की सर्जरी का हवाला देते हुए अवकाशकालीन न्यायाधीश अपर्णा स्वामी की अदालत का रुख किया. जहां से वो जमानत लेने में सफल रहा. जमानत मिलने के तुरंत बाद एनआईए ने विशेष लोक अभियोजक त्यागी और वकील जतिन के माध्यम से जमानत रद्द करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया था कि एजेंसी अंसारी द्वारा दिए गए फोन नंबर उसे संपर्क नहीं कर पा रही है.एजेंसी ने अदालत को बताया कि 21 से 23 जून के बीच उन्होंने उस नंबर पर 12 बार कॉल किया - हर बार वह "या तो बंद था या नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था.

एजेंसी को इस बात की भी जानकारी मिली कि आरोपी का नंबर असम निवासी के नाम पर पंजीकृत था. इसके बाद एजेंसी ने अंसारी को जमानत मिलने की परिस्थितियों की जांच शुरू की तो कई अन्य मोड़ सामने आए. रिकॉर्ड के अनुसार गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि गुलफिशा अब उस स्थानीय पते पर नहीं रह रही है जो अंसारी ने अदालत में जमा किया था. जमानत मिलने से 11 दिन पहले ही वह पता खाली कर दिया था.

गिरफ्तारी के समय बरामद हुए थे कई हथियार

एनआईए द्वारा लॉरेंस बिश्नोई आपराधिक गिरोह का एक प्रमुख व्यक्ति बताए गए शहबाज अंसारी पर गिरोह को बार-बार हथियार मुहैया कराने का आरोप है.उसने कथित तौर पर कई हथियारों के सौदे कराए और दुबई से हवाला के माध्यम से लाखों रुपये का भुगतान हासिल किया. गिरफ्तारी के समय उसके पास से कथित तौर पर कई हथियान भी बरामद किए गए थे.

दरअसल, शहबाज अंसारी को अदालत ने दलील पर राहत दी थी कि वह गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में 'स्पाइन डिकम्प्रेसन सर्जरी' के दौरान अपनी पत्नी गुलफिशा के साथ रहना चाहता है. अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार अंसारी को अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को देने और 18 जुलाई को अपने निर्धारित आत्मसमर्पण तक साप्ताहिक अपडेट देने के लिए कहा गया था.

इस मामले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को पता चला कि अंसारी का मोबाइल फोन बंद था और उसकी इस लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा था. एजेंसी को यह भी पता चला कि फोन असम के एक निवासी के नाम पर पंजीकृत थात्र. जमानत देने वाले व्यक्ति ने कथित तौर पर पैसे के लिए अंसारी की गारंटी ली थी.

विशेष लोक अभियोजक राहुल त्यागी के नेतृत्व में एजेंसी ने अदालत का रुख किया और 8 जुलाई को जमानत रद्द करवा ली, लेकिन नोटिस जारी होने के बावजूद अंसारी अदालत में पेश नहीं हुआ. उनके वकील अमित श्रीवास्तव ने दलील दी कि उसे अपने मुवक्किल के ठिकाने की जानकारी नहीं है. उसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.

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