'खुशी का दिन है, उतना खुश नहीं मैं', ओखला से जीत की हैट्रिक लगाने वाले अमानतुल्लाह क्यों कह गए ऐसा

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके. दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से एक बार फिर आप प्रत्याशी अमानतुल्लाह की जीत हुई और भाजपा प्रत्याशी मनीष चौधरी की हार हुई है. हालांकि जीत के बाद उन्होंने कहा कि आज मेरे लिए उतना खुशी का दिन नहीं है. लेकिन मेरा साथ देने वाली जनता का मैं धन्यवाद देता हूं.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
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दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक ओखला की सीट भी है. इस पर भी चुनाव हुए. ओखला में पिछले कुछ सालों से आम आदमी पार्टी का राज है. आप प्रत्याशी अमानतुल्लाह 2015 से 2020 तक जीतें हैं. इसे उन्होंने बरकरार रखा. इस चुनाव में उन्हें 88943 वोट हासिल हुए और बीजेपी प्रत्याशी को 23639 वोटों से जीत हासिल की है.

ओखला सीट से आदमी पार्टी से अमानतुल्लाह, कांग्रेस से अरिबा खान, बीजेपी की ओर से मनीष चौधरी और आईएमएम की ओर से शिफा उर रहमान खान इस सीट से चुनाव लड़े. इस जीत पर आप उम्मदीवार ने कहा कि दुख की बात यह है कि हमारी सरकार अब दिल्ली में नहीं रही. लेकिन मेरे लिए आज का दिन खुशी का दिन है. हालांकि उतनी खुशी का नहीं है. लेकिन मैं ओखला से सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं कि इस चुनाव में उन्होंने मेरा साथ दिया है.

तीसरी बार लड़े मिली जीत

इस बार इस सीट से पार्टी ने हैट्रिक लगाकर साख बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन ऐसा मुंमकिन नहीं हो सका. लेकिन ओखला से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमानतुल्लाह ने पार्टी की साख बचा ली है, और तीसरी बार इस सीट से जीत हासिल की. हलांकि इस सीट से एक बार फिर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. साल 1993 से लेकर अब तक भाजपा अपनी किस्मत आजमा रही है. इस बार सीट पर एआईएमआईएम ने पहली बार शफा उर रहमान को प्रत्याशी बनाया है. माना जा रहा है कि वो अमानतुल्लाह खान को चुनौती दे रहे हैं.

कैसा रहा 2015 का चुनाव

साल 2015 के चुनाव की बात करें तो आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान आम आदमी पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनावी मैदान में थे. हालांकि आप का ये फैसला सही भी साबित हुआ क्योंकी इस सीट से पार्टी को 1,04,271 वोट मिले जबकि बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में ब्रह्म सिंह को 39,739 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के तत्कालीन विधायक आसिफ मोहम्मद खान को 20,135 वोट मिले थे.

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