दलितों - अल्पसंख्यक वोट बैंक पर नजर, 13 जनवरी को राहुल गांधी का शंखनाद, क्या कांग्रेस की नैया लगेगी पार?

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी करीब 12 फीसदी है और आप को दलितों के साथ-साथ उनका भी समर्थन मिला है. राहुल 13 जनवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक रैली को संबोधित करेंगे, जिसके बाद प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रैलियां होंगी.;

Delhi Assembly Election 2025
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 12 Jan 2025 4:00 PM IST

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा में फिलहाल कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है. 15 साल तक सत्ता में रहकर फिर 15 साल से सत्ता से बाहर रही कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. ऐसे में 13 जनवरी को राहुल गांधी पार्टी के लिए शंखनाद करने वाले हैं. इस दौरान माना जा रहा है कि कांग्रेस की नजर दलितों और अल्पसंख्यक वोट बैंक पर होने वाली है.

लोकसभा चुनाव में एक साथ लड़ने वाली आप और बीजेपी अब आमने - सामने एक - दूसरे को पटखनी देने की तैयारी में है. हालांकि, कांग्रेस के पास अपने मूल वोट बैंक को बचाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इसलिए पार्टी की नजर उसी पर बनी हुई है. राहुल 13 जनवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक रैली को संबोधित करेंगे, जिसके बाद प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रैलियां होंगी.

दलितों और अल्पसंख्यक वोट के जरिए साख बचाने की कोशिश

दिल्ली में कांग्रेस पार्टी सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही है, क्योंकि INDIA गठबंधन सहयोगी टीएमसी और सपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आप को अपना समर्थन देने का फैसला किया है.

कांग्रेस के पास अल्पसंख्यक, ओबीसी और दलितों का वोट बैंक ज्यादा हैं. यही कारण है कि पार्टी ने इन्हीं वोटो पर फोकस करने का फैसला लिया है. दिल्ली में अनुसूचित जाति के लिए कुल 12 सीटें आरक्षित हैं. दिल्ली में करीब दलितों की आबादी लगभग 17% है और 12% के करीब मुस्लिम आबादी है. मुस्लिम वोटर्स 10 सीटों पर सीधा फैसला देते हैं. यही कारण है कि कांग्रेस अपने इन मुल वोट को साधने में लगी है.

रैली के जरिए लोगों को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करेंगे राहुल

राहुल की रैली से कांग्रेस को उम्मीद है कि वह अल्पसंख्यक मतदाताओं को एक कड़ा संदेश दे पाएगी. कांग्रेस मुस्तफाबाद, सीलमपुर, ओखला, बाबरपुर, चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान और गोकुलपुरी जैसे अल्पसंख्यक बहुल इलाकों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी, जहां से हमेशा से कांग्रेस को समर्थन मिलता रहा है.पार्टी सामाजिक अल्पसंख्यकों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों से फिर से जुड़ने पर खास ध्यान दे रही है. ये लोग परंपरागत रूप से कांग्रेस के वोटर्स रहे हैं.

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