बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, नाबालिग पहलवान से यौन उत्पीड़न मामले में सभी आरोपों से हुए बरी
बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली की पटियाला कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उन्हें नाबालिग पहलवान से यौन उत्पीड़न मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है. इससे पहले, 1 अगस्त 2023 को बंद कमरे में सुनवाई हुई थी, जिसमें नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया कि वह दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है. उसे क्लोजर रिपोर्ट पर भी कोई आपत्ति नहीं है. पुलिस ने 15 जून 2023 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी.;
BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh acquitted: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नाबालिग पहलवान से यौन उत्पीड़न के मामले में बरी कर दिया है. उन पर कई महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में रहा. कोर्ट ने नाबालिग ने कहा कि उसने दबाव और बहकावे में आकर यह आरोप लगाया था.
यह मामला लंबे समय तक सुर्खियों में रहा और पहलवानों ने जंतर मंतर पर महीनों धरना दिया. कोर्ट के फैसले से उनके समर्थकों में खुशी है, लेकिन महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने निराशा जताई है. यह फैसला न्याय प्रणाली और महिला सुरक्षा पर नई बहस को जन्म दे रहा है.
दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है नाबालिग पहलवान
इससे पहले, 1 अगस्त 2023 को बंद कमरे में सुनवाई हुई थी, जिसमें नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया कि वह दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है. उसने क्लोजर रिपोर्ट पर भी कोई आपत्ति नहीं जताई. पुलिस ने 15 जून 2023 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी.
पीड़िता के पिता ने भी जांच के दौरान दावा किया था कि उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ झूठी शिकायत दी थी. उनके इस बयान पर पुलिस ने कोर्ट से पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज केस को बंद करने की सिफारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया.
नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण शऱण सिंह पर क्या आरोप ल गाए?
नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण शरण सिंह पर कई आरोप लगाए थे, जिनमें इलाज खर्च के बदले सेक्सुअल फेवर मांगना, टी शर्त ऊपर खींचकर छाती पर हाथ रखना, ग्रुप फोटो के दौरान कमर के नीचे हाथ रखना, पर्सनल सवाल पूछना, कंधे से पकड़कर जबरदस्ती खींचने और विरोध करने पर धमकाने, बेड पर जबरन गले लगाने और छाती-पेट पर हाथ रखना शामिल हैं.
छह महिला पहलवानों ने क्या आरोप लगाए थे?
इससे पहले, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर में छह महिला पहलवानों ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने उनका यौन उत्पीड़न किया. इन आरोपों को लेकर बृजभूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं कर सका. कोर्ट ने कहा कि संदेह का लाभ आरोपी को दिया जाता है. इस मामले में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले जिससे आरोपी को दोषी ठहराया जा सके.
बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
बृजभूषण शरण सिंह ने हमेशा इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित और बेबुनियाद बताया था. उन्होंने कहा था कि यह उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने की साजिश है. कोर्ट के फैसले के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है.