मुस्लिम बहुल इलाके मुस्तफाबाद में BJP का कमल खिलाने वाले मोहन सिंह बिष्ट कौन?
Mustafabad Seat: दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट एक मुस्लिम बहुल इलाका है. इस सीट पर बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत हासिल की है. मुस्लिम बहुल सीट के भाजपा की जीत से सभी को चौंका दिया है. पहले कहा जा रहा था कि AIMIM के ताहिर हुसैन यहां से जीत सकता है क्योंकि वह खुद मुस्लिम है.;
Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग साफ हो गए हैं. सालों बाद भाजपा सरकार बनाती नजर आ रही है. पार्टी ने 50 सीटों के आंकड़े को पार कर लिया है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मुस्तफाबाद सीट की हो रही है. यह मुस्लिम बहुल इलाका हैं, जहां से भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट को जीत मिली है.
जानकारी के अनुसार, मुस्तफाबाद से दिल्ली दंगे के आरोपी और AIMIM नेता ताहिर हुसैन ने चुनाव लड़ा था. लेकिन मोहन बिष्ट ताहिर ने सभी पार्टी के उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए अपनी जीत दर्ज की. बता दें कि मुस्तफाबाद में 39.5 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं. आप ने अदील अहमद खान को उम्मीदवार बनाया था
कौन हैं मोहन सिंह बिष्ट?
मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली की राजनीति का एक अनुभवी नेता माना जाता है. उन्होंने साल 1998 में करावल नगर से विधायक के रूप में पहली बार चुनाव जीता और 2008 तक उस सीट पर बने रहे. साल 2015 में बिष्ट को आप के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कपिल मिश्रा से हार का सामना करना पड़ा. 5 साल बाद मोहन बिष्ट ने आप के दुर्गेश पाठक हो हराकर करावल नगर सीट वापस अपने कब्जे में की.
मुस्तफाबाद सीट का समीकरण
मुस्तफाबाद सीट दिल्ली के टॉप 5 मुस्लिम इलाकों में आती है. यहां पर मुसलमानों की आबादी लगभग 40 फीसदी है. सीट पर ठाकुर वोटर्स 12 फीसदी और दलित 10 प्रतिशत के आसपास हैं. 40 फीसदी मुसलमान और 60 फीसदी हिन्दू मतदाता है. इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम बहुल सीट के भाजपा की जीत से सभी को चौंका दिया है. पहले कहा जा रहा था कि AIMIM के ताहिर हुसैन यहां से जीत सकता है क्योंकि वह खुद मुस्लिम है.
बीजेपी को इन कारणों से मिली जीत
इस सीट पर जगदीश प्रधान प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने यहां से मोहन सिंह बिष्ट को टिकट दिया. बिष्ट जमीनी नेता है वह हमेशा स्थानीय लोगों की समस्या को सुनते हैं, जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिला.
चुनाव प्रचार अभियान
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए लोगों के साथ जमीनी स्तर पर जाकर बात की. पार्टी ने डोर-टू-डोर कैंपेन किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मोर्चा संभाला. वहीं बिष्ट ने भी जमीनी स्तर पर जनता से सीधा संवाद किया, उन्हें भरोसा दिलाया कि अगर दिल्ली में भाजपा वापस आती है तो जनता को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे.