दिल्ली चुनाव में AAP को बड़ा झटका, एक साथ 7 विधायकों का इस्तीफा; एक तो पहले ही हो गया था बागी

विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को झटका लगा, जब पार्टी के साथ विधायक राजेश ऋषि, नरेश यादव, भावना गौड़, मदनलाल, भूपेंद्र सिंह, पवन शर्मा और रोहित कुमार महरौलिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इन नेताओं ने पार्टी पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाया. इन विधायकों ने अरविंद केजरीवाल को अपना त्यागपत्र भेज दिया.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 31 Jan 2025 5:44 PM IST

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को एक बड़ा झटका लगा है. वोटिंग से ठीक पांच दिन पहले, पार्टी के सात विधायकों राजेश ऋषि, नरेश यादव, भावना गौड़, मदनलाल, भूपेंद्र सिंह, पवन शर्मा और रोहित कुमार महरौलिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. ये सातों विधायक नाराज थे क्योंकि पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था, और यही वजह थी कि उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया.

महरौली के विधायक नरेश यादव ने कहा कि उन्हें लगता है कि पार्टी ने जो राजनीति की शुरुआत ईमानदारी के लिए की थी, वह अब पूरी तरह से बदल चुकी है. उन्होंने कहा कि आज पार्टी में ईमानदारी कहीं भी नजर नहीं आती. उन्होंने महरौली में पिछले 10 वर्षों तक ईमानदारी से काम किया, लेकिन अब पार्टी पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है.

राजेश ऋषि ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

जनकपुरी से दो बार विधायक रहे राजेश ऋषि ने सबसे पहले पार्टी छोड़ने का ऐलान किया. उन्होंने इस्तीफे में आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने अपने मूल सिद्धांतों को छोड़कर भ्रष्टाचार को अपनाया है. राजेश ऋषि ने लिखा कि पार्टी ने संतोष कोली के बलिदान के साथ गलत व्यवहार किया और कोली के हत्यारे को टिकट दे दिया, जिसे उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात करार दिया. उन्होंने पार्टी में भाई-भतीजावाद का भी आरोप लगाया और इसे एक 'अनियंत्रित गिरोह' कहा. उनका कहना था कि पार्टी का नेतृत्व भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तानाशाही के साथ जुड़ चुका है.

भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी है AAP: नरेश यादव

महरौली से तीन बार के विधायक नरेश यादव ने भी इस्तीफा दे दिया. नरेश यादव ने अरविंद केजरीवाल को भेजे इस्तीफे में कहा कि आम आदमी पार्टी का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था, लेकिन अब वह खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है. नरेश यादव का कहना था कि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जबकि उन्होंने हमेशा ईमानदारी से काम किया. उन्होंने महरौली के लोगों से बातचीत की और पाया कि पार्टी के लोग भी महसूस करते हैं कि आम आदमी पार्टी अब भ्रष्टाचार में पूरी तरह से लिप्त हो गई है.

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