बेकार लोगों को वोट न दें... दिल्ली चुनाव से पहले अन्ना हजारे की अपील, केजरीवाल की शराबनीति पर भी निशाना!

किसन बाबूराव "अन्ना" हजारे एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने सरकार के खिलाफ कई आंदोलन किए हैं. अन्ना के आंदोलन से ही अरविंद केजरीवाल का राजनीति की दुनिया में जन्म हुआ. अब उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली की जनता को बताया कि किन लोगों को वोट करना चाहिए.;

( Image Source:  X-Indian Gems )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 26 Jan 2025 9:34 AM IST

दिल्ली में 5 फरवरी को विधान सभा चुनाव है. ऐसे में सारी पार्टियां जनता को लुभाने में लगी है. वहीं, दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले 10 से ज्यादा सालों से राज कर रही है. ऐसे में अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शनिवार को दिल्ली के वोटर्स के लिए एक वीडियो मैसेज जारी किया है.

इसमें उन्होंने दिल्ली की जनता से अनुरोध किया कि वे ऐसे लोगों को वोट दें, जिनका चरित्र और विचार साफ हो. साथ ही, वह देश के लिए बलिदान देने वाले और अपमान सहने वाले लोग हों.

बेकार लोगों को वोट न दें

इतना ही नहीं, इस वीडियो में अन्ना हजारे ने कहा कि वे बेकार लोगों को वोट न दें क्योंकि इससे देश बर्बाद हो जाएगा. इसके आगे उन्होंने कहा कि वोटिंग प्रोसेस में यह पहलू नहीं होना चाहिए कि 'मैं पीता हूं और इससे दूसरे लोग भी पीएंगे'. अन्ना हजारे ने कहा कि अगर देश को बचाना है, तो किसी को बलिदान देना होगा.

कौन हैं अन्ना हजारे?

अन्ना हजारे ने दिल्ली को केंद्र में रखकर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया था. आंदोलन के बाद 2012 में अरविंद केजरीवाल जैसे उनके फॉलोअर्स ने आम आदमी पार्टी बनाई, जो 2013 में राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आई. हालांकि, अन्ना हजारे ने केजरीवाल के राजनीति में आने को अस्वीकार कर दिया था.

दिल्ली चुनाव के बारे में

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी.  इस साल होने वाले दो विधानसभा चुनावों में से पहले चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी में AAP, कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। AAP ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिससे I.N.I.A. में दरार की अफवाहें फैल रही हैं. इस बीच, भाजपा को उम्मीद है कि शराब आबकारी नीति घोटाला और दिल्ली में प्रदूषण भगवा पार्टी को AAP पर बढ़त दिलाएगा. दूसरी ओर, केजरीवाल के पास दिल्ली के जाटों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अलग योजनाएं हैं. कांग्रेस भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहेगी और अपने ही गठबंधन सहयोगी पर हमला करने से पीछे नहीं हटेगी.

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