अंतिम संस्कार के लिए घर पहुंच रहा था शव, जीवन दान बना स्पीड ब्रेकर, अचानक जिंदा हुआ मृतक

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक मृतक उस वक्त जिंदा हो गया जब उसके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी. 65 वर्षीय वयक्ति की दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया थे. लेकिन एक स्पीडब्रेकर ने उन्हें जीवनदान दे दिया.;

Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 2 Jan 2025 8:54 PM IST

क्या हो जब एक मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही हो और घर के मातम के बीच वह मृतक जिंदा हो जाए. कुछ ऐसा ही हुआ है महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जहां एक 65 वर्षीय वयक्ति की दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

इसके बाद घर और रिश्तेदारों में मातम छा गया. लेकिन ईश्वर की कायापलट देखिए 65 वर्षीय पांडुरंग उल्पे के लिए, एक स्पीड ब्रेकर जीवन रक्षक साबित हुआ जब अस्पताल से उनके शव को ले जा रही एक एम्बुलेंस को अचानक स्पीड ब्रेकर का झटका लगा और पांडुरंग उल्पे के परिवार ने उनकी उंगलियों को हिलते देखा. 

तुरंत ले गए दूसरे अस्पताल 

वहीं अपने पति को जीवित होते हुए उल्पे की पत्नी ने कहा कि जब हम उनके को अस्पताल से घर ला रहे थे, तो एम्बुलेंस एक स्पीड ब्रेकर से गुज़री और हमने देखा कि उनकी उंगलियों में हरकत हो रही थी. परिवार के एक सदस्य ने कहा कि फिर उन्हें दूसरे अस्पताल में वापस ले जाया गया, जहां वह एक रात तक रहे और इस दौरान उनकी एंजियोप्लास्टी हुई. 

याद नहीं क्या हुआ था 

16 दिसंबर को दिन में हुईं इस घटना के बारें में बताते हुए उल्पे ने कहा मैं टहलकर घर आया था और चाय पीने के बाद बैठा था. मुझे चक्कर आ रहा था और सांस फूल रही थी. मैं बाथरूम में गया और उल्टी कर दी. मुझे याद नहीं कि उसके बाद क्या हुआ, मुझे अस्पताल कौन ले गया.' जिस अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित किया था, उस अस्पताल की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है. हालांकि उल्पे का कहना है कि वह भगवान विट्ठल के भक्त हैं. 

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