इंस्टाग्राम से फैलाया जा रहा था जिहाद, छत्तीसगढ़ में ISIS से जुड़े दो युवक गिरफ्तार, ऐसे कर रहे थे लोगों का ब्रेनवॉश

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को गहराई तक झकझोर दिया. आतंकवाद निरोधक दस्ता यानी ATS ने गुप्त निगरानी और तकनीकी जांच के आधार पर दो नाबालिग लड़कों को हिरासत में लिया, जो कथित तौर पर पाकिस्तान से संचालित एक ISIS मॉड्यूल के संपर्क में थे.;

( Image Source:  AI SORA )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 19 Nov 2025 11:49 AM IST

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को गहराई तक झकझोर दिया. यह मामला छत्तीसगढ़ में पहली बार सामने आए ISIS कनेक्शन का है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है. ATS की जांच में पता चला कि इंस्टाग्राम के जरिए गुप्त रूप से जिहादी विचारधारा फैलाने की कोशिश की जा रही थी. ऑनलाइन चैट, रील्स और गुप्त ग्रुप्स के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ मोड़ा जा रहा था.

इसी नेटवर्क के जरिए दो युवकों की गतिविधियों पर जब एजेंसियों की नजर गई, तो खुलासा हुआ कि वे लंबे समय से ऑनलाइन ब्रेनवॉशिंग अभियान चलाकर नए लोगों को अपनी सोच में शामिल करने की कोशिश कर रहे थे.

पाकिस्तान से चल रहा था साजिशी खेल

एटीएस की जांच में सामने आया कि पाकिस्तान में बैठे एक साइबर मॉड्यूल से संचालित गिरोह भारतीय किशोरों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा था. यह ग्रुप नकली सोशल मीडिया प्रोफाइलों का इस्तेमाल कर उन नाबालिगों को टारगेट कर रहा था जो ऑनलाइन दुनिया में लगातार एक्टिव रहते हैं. कई हफ्तों से उन्हें कट्टरपंथी सोच की ओर मोड़ने के लिए लगातार डिजिटल तरीकों से प्रभाव डाला जा रहा था.

इंस्टाग्राम बना कट्टरपंथ फैलाने का मंच

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन किशोरों की इंस्टाग्राम प्रोफाइल पाकिस्तान में बैठे एक ऑपरेटर ने खुद तैयार की थीं. चमकीली फेक पहचान और भड़काऊ कंटेंट का सहारा लेकर उन्हें दोबारा आईएसआईएस की आड़ में प्रभावित किया गया. ग्रुप चैट में लगातार ऐसे मैसेज और क्लिप भेजे गए जिनसे उनका झुकाव कट्टर विचारों की ओर बढ़ता गया. वहीं, शेयर किए जाने वाले वीडियो और पोस्ट हिंसा को सही बताने के साथ देश-विरोधी माहौल पैदा करने की कोशिश करते थे.

सरकार की जनता से अपील

उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश में इस तरह की घटना पहली बार सामने आई है. प्रशासन अब एटीएस ढांचे को और मज़बूत करने की तैयारी में है ताकि भविष्य में भी ऐसे मामलों को शुरुआती स्तर पर पकड़कर रोका जा सके. जांच दल लगातार ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखे हुए था. जैसे ही पर्याप्त डिजिटल संकेत हाथ लगे, दोनों युवकों को तुरंत पकड़ लिया गया. साथ ही उन्होंने जनता से अपील की, अगर कोई सोशल मीडिया अकाउंट देश-विरोधी कंटेंट डालता है, तो बिना देर किए पुलिस को जानकारी दें.

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