दो दशक बाद लालू-राबड़ी परिवार से 10 सर्कुल रोड बंगला लेने के क्या हैं सियासी मायने, इसको लेकर क्या है हाई कोर्ट का आदेश?

बिहार सरकार की ओर से पटना के 10 सर्कुलर रोड बंगले को खाली कराने का आदेश मिलने के बाद राबड़ी देवी के घर और राजनीति में हलचल तेज हो गई है. उनके समर्थकों और RJD नेताओं का आरोप है कि यह आदेश एक रणनीतिक कदम है.यह ‘नफरत और बदले की कार्रवाई’ के तहत विपक्ष को दबाने का का प्रयास है. जानें इस मसले पर किसने क्या कहा?;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 26 Nov 2025 12:24 PM IST

बिहार की राजनीति में एनडीए सरकार के एक फैसले ने फिर से हलचल पैदा कर दी है. प्रदेश में इस बार एनडीए की सरकार बनते ही 20 साल से 10 सर्कुलर रोड में रहे राबड़ी देवी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है. इस फैसले के बाद RJD ने इसे सिर्फ प्रशासनिक आदेश नहीं बल्कि एक राजनीतिक साजिश करार दिया है. RJD नेताओं का कहना है कि यह कदम पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार पर दबाव बनाकर उन्हें निशाना बनाने की कोशिश है.यानी यह “नफरत और बदले की कार्रवाई है.”

विरोधियों का दमन बीजेपी की संस्कृति - नवल किशोर यादव

इस मसले पर आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने एनडीए सरकार की ओर से राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड वाला आवास खाली करने के मसले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लगता है नवगठित सरकार के पास इससे ज्यादा जरूरी काम और कोई नहीं थी. जिस तरीके से उसने सत्ता में आते ही सबसे पहले सबसे ज्यादा ताकतवर विपक्षी पार्टी पर हमला बोला है, उसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.

उन्होंने आगे कहा, 'क्या सरकार बनने के बाद यही काम सबसे ज्यादा जरूरी था. सरकार बनने के तत्काल बाद यही काम सबसे ज्यादा आवश्यक कैसे हो सकता है. इतनी ज्यादा जरूरत थी तो अभी तक पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उस आवास में कैसे रह रही थी. साफ दिख रहा है, 'नई सरकार में बीजेपी का दबदबा है. यह नफरत और बदले की भावना की राजनीति है.' यह एक गलत राजनीतिक संस्कृति को जन्म देने वाली कार्रवाई है.

नवल किशोर यादव ने कहा कि बीजेपी वाले अपने विरोधियों को हजम भला कैसे कर सकते हैं? देश में जिस भी राज्य में बीजेपी की सरकार वहां पर उसने बीजेपी को समाप्त करने वाला काम किया है. जहां पर भाजपा हो वहां पर विपक्ष के खिलाफ जो होगा वो लोग नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे. जब उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं को नहीं छोड़ा जो आरजेडी के नेताओं को कैसे छोड़ सकते हैं. देश की राजनीति का बीजेपी ने ये हाल कर दिया है. ऐसे में किसी भी मसले पर विरोध का कोई मतलब नहीं रह जाता है. बिहार में में आरजेडी आज भी जनता की नजरों के सबसे ज्यादा लोकप्रिय पार्टी है.

इसे सियासी रंग देना ठीक नहीं - गुरु प्रकाश पासवान

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान का कहना है कि इसमें गलत क्या है? 10 सर्कुलर बंगला खाली करने का आदेश एक कानूनी प्रक्रिया है. इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. इस पर किसी की ओर से राजनीति करना ठीक नहीं है. न ही इसे सियासी रंग दिया जा सकता है.

किसी के साथ नहीं होगा असमान व्यवहार - परिमल कुमार

बिहार जेडीयू प्रवक्ता परिमल कुमार का कहना है कि किसी के साथ कोई अन्याय नहीं हो रहा है. आरजेडी के नेता कहने के लिए कुछ भी कहें, लेकिन बंगला खाली कराने काम नियम सम्मत है. यह केवल उन्हीं का खाली नहीं हुआ है. जेडीयू या बीजेपी के ऐसे नेता जिन्हें आवास मिलना जरूरी नहीं होगा, उनका भी बंगला खाली होगा. किसी के साथ हमारी सरकार असमान व्यवहार नहीं करेगी. हमारा विरोधी दलों ने सिर्फ नीतिगत विरोध होता है. बदले की भावना का कोई सवाल नहीं होता है. जहां कि सवाल यह है कि दो दशक से राबड़ी देवी का बंगला खाली नहीं हुआ तो मैं, आपको बता दूं कि समय समय पर आवास आवंटन को लेकर नियम बदलते रहते हैं. नये नियमों के तहत ये कार्रवाई हुई है.

प्रोटोकॉल के हिसाब से मिला नया बंगला - रंजन सिंह

लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास बिहार के प्रवक्ता रंजन सिंह का कहना है कि पूर्व सीएम राबड़ी देवी को बेघर नहीं किया गया है. हमारा काम किसी को ऐसा करना नहीं है. उन्हें 10 सर्कुलर रोड के बदले कोई और आवास दिया गया है. संबंधित विभाग ने उनके लिए अब 39 हार्डिंग रोड वाला बंगला अलॉट किया है. यह बंगला भी बहुत बड़ा है. ऐसा सरकार के ताजा फैसले के तहत किया गया है. उन्हें प्रोटोकॉल के हिसाब से बंगला मिला है.

रंजन सिंह ने आगे कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हम लोग द्वेष भावना से काम नहीं करते हैं. सरकारी बंगला किसी की निजी प्रॉपर्टी नहीं है. केंद्र सरकार ने भी दिल्ली के 12 जनपथ वाले बंगले को चिराग पासवान से खाली कराया था. जबकि उस बंगले में रामविलास जी से जुड़ी कई यादगार पहलू जुड़े थे. हमारी पार्टी ने तो केंद्र के फैसले का विरोध नहीं किया था, बल्कि उसका सम्मान करते हुए बंगला खाली कर दिया था.

बदले की भावना - राबड़ी देवी

बिहार सरकार के इस फैसले पर राबड़ी देवी ने कहा, “मैं संघर्ष से निकली हूं, सरकारी बंगला मेरे लिए कोई मुद्दा नहीं, लेकिन सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उनका यह बयान RJD के राजनीतिक नैरेटिव को मजबूती देता है.”

क्या है पूरा मामला?

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और RJD नेता राबड़ी देवी को सरकार की ओर से नोटिस भेजकर पटना स्थित सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड को खाली करने का आदेश दिया गया है. बिहार भवन निर्माण विभाग ने नोटिस में कहा कि यह आवास अब अन्य योग्य व्यक्तियों व अधिकारियों के लिए आवश्यक है. इसलिए, राबड़ी देवी को इसे छोड़ना होगा. राबड़ी देवी पिछले दो दशकों से इस बंगले में रहती आई हैं. यह Lalu–Rabri परिवार की राजनीतिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र भी माना जाता है.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

मंगलवार को जैसे ही नोटिस सामने आया, RJD ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया. पार्टी नेताओं का कहना है कि बदले की राजनीति के तहत Lalu–Rabri परिवार और उनके राजनीतिक प्रभाव को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. RJD नेताओं ने इस फैसले को “नफरत की राजनीति और विपक्ष को दबाने की कार्रवाई कहा.

सरकार ने क्या कहा?

सरकार की ओर से कहा गया है कि यह एक रूटीन प्रशासनिक प्रक्रिया है. बंगला पूर्व-सीएम आवंटन नीति के अनुसार किसी दूसरे अधिकारी/व्यक्ति को दिया जाना है. इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं, लेकिन विपक्ष इस तर्क को मानने को तैयार नहीं है.

कानूनी पहलू क्या कहते हैं?

बिहार सरकार की “पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए आवास आवंटन नीति” में कई बदलाव हो चुके हैं. हाल के बदलाव में यह साफ कहा गया है कि आवास स्थायी नहीं है. जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार पुनर्नियोजन कर सकती है. इसी नियम को आधार बनाकर नोटिस भेजा गया है.

भवन निर्माण सचिव कुमार रवि के मुताबिक यह आवास परिवर्तन सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसमें पद और पात्रता के आधार पर सरकारी बंगले आवंटित किए जाते हैं. नेता प्रतिपक्ष के रूप में राबड़ी देवी को केंद्रीय पूल का आवास दिया गया है, जो काफी बड़ा बंगला है. राबड़ी देवी को पुराने सरकारी आवास से हटाने की नोटिस मिलने के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है.

राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा कि राबड़ी देवी को आवास खाली करने का नोटिस देने का मतलब साफ है कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को परेशान किया जा सके.

10 सर्कुलर रोड से राबड़ी देवी का पुराना नाता रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री के नाते उन्हें यह आवास दिया गया था. अब पता नहीं सरकार को किस राष्ट्रीय आपदा की वजह से अपना पुराना निर्णय बदलना पड़ रहा है. सरकार स्पष्ट करे कि उनसे यह आवास क्यों खाली कराया जा रहा है? यह भी बताए कि उन्हें यह आवास क्यों आवंटित किया गया था?

कब और कैसे मिला था 10 सर्कुलर रोड?

बिहार पर करीब पंद्रह साल राज करने के बाद 2005 में लालू परिवार विपक्ष में चला गया. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने और 1 अणे मार्ग में शिफ्ट होने के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ऑफिशियल CM आवास खाली कर दिया. उन्हें 10 सर्कुलर रोड अलॉट किया गया, जो मुख्यमंत्री के घर के ठीक बगल में एक बंगला है.

तब लालू परिवार लगातार 10 सर्कुलर रोड पर ही रहता है. राबड़ी देवी की पॉलिटिकल भूमिका के बावजूद, बंगला उनके नाम पर ही रहा और धीरे-धीरे राज्य में सबसे ज्यादा प्रवासी आवास के रूप में देखा जाने लगा.

अब क्यों छोड़ना पड़ेगा 10 सर्कुलर रोड?

बिहार में बदलते गठबंधनों, NDA से महागठबंधन और वापस, नीतीश कुमार ने लालू परिवार के 10 सर्कुलर रोड पते को कभी नहीं छुआ. इस बार, पॉलिटिकल माहौल अलग है. हाल के विधानसभा चुनावों के बाद BJP और भी मजबूत होकर उभरी है. इसका असर सरकार के फैसलों में भी दिख रहा है. राबड़ी देवी विधान परिषद में विपक्ष की नेता हैं. अब उन्हें अलग घर अलॉट किया गया है. अब उनका नया आवास 39 हार्डिंग रोड अलॉट हुआ है. बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट ने अलॉटमेंट को ऑफिशियली नोटिफाई किया है. यह बंगला भी काफी बड़ा है. यह नोटिस जारी होने के बाद राबड़ी देवी के पास 10 सर्कुलर रोड खाली करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है.

बंगला आवंटन को लेकर हाई कोर्ट का आदेश क्या है?

एक पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते राबड़ी देवी 10 सर्कुलर रोड के साइज़ का बंगला नहीं मांग सकतीं. क्योंकि पटना हाई कोर्ट के 2019 के फैसले ने ऐसे खास अधिकार वापस ले लिए थे, इसलिए उन्हें कानूनी राहत की भी उम्मीद नहीं है. असल में, वही पिटीशन जो तेजस्वी ने 2017 में फाइल की थी, और हार गए थे. अब राबड़ी देवी के कोर्ट जाने का रास्ता रोक रही है.

तेजस्वी ने दी थी नीतीश सरकार के फैसले को चुनौती

तेजस्वी यादव ने कई साल पहले बंगला बेदखली को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उस समय सिंगल जज की बेंच ने उन्हें राहत देने से मना कर दिया था. फिर उन्होंने चीफ जस्टिस ए पी साही और जस्टिस अंजना मिश्रा की डिवीजन बेंच के सामने अपील की थी. सुनवाई के दौरान, यह बात सामने आई कि नीतीश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले, गाड़ी, सिक्योरिटी और स्टाफ देने के नियम बनाए थे. लंबी बहस के बाद, हाई कोर्ट ने 19 फरवरी 2019 को एक अहम फैसला सुनाया था.

हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक तेजस्वी यादव को 5 देशरत्न मार्ग खाली करने का आदेश दिया गया था. साथ ही राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला, गाड़ी, सिक्योरिटी और स्टाफ की सुविधाएं वापस लेने का निर्देश दिया गया था. इस फैसले का सीधा असर राबड़ी देवी, जगन्नाथ मिश्रा और जीतन राम मांझी पर पड़ा. राबड़ी देवी ने 10 सर्कुलर रोड सिर्फ इसलिए अपने पास रखा क्योंकि वह उस समय लेजिस्लेटिव काउंसिल में विपक्ष की नेता थीं.

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