महुआ मेरा है, टिकट नहीं मिला तो... तेज प्रताप ने फिर ठोकी ताल, RJD को दी खुली धमकी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले तेज प्रताप यादव ने महुआ सीट को लेकर RJD नेतृत्व को सीधी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिला, तो पार्टी वहां से हार जाएगी. मेडिकल कॉलेज दौरे और विधानसभा में अलग अंदाज़ में दिखकर तेज प्रताप ने खुद को सक्रिय नेता के रूप में फिर से पेश किया है.;
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 भले अभी दूर हो, लेकिन आरजेडी में अंदरूनी सियासत का तापमान तेजी से चढ़ रहा है. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने साफ कह दिया है कि अगर उन्हें महुआ से टिकट नहीं मिला तो पार्टी को वहां हार का सामना करना पड़ेगा. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने खुले शब्दों में कहा कि वह महुआ से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है.
तेज प्रताप ने हाल ही में महुआ का दौरा किया, जहां वे निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने वहां मौजूद समर्थकों के सामने कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों से वादा किया था कि यहां मेडिकल कॉलेज बनेगा और वह वादा अब पूरा हो रहा है. उन्होंने खुद को इस विकास कार्य का सूत्रधार बताया और यही दिखाया कि उनका रिश्ता सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि ज़मीनी विकास से भी जुड़ा है.
'मैं ही लड़ूंगा' का दावा
चुनाव को लेकर तेज प्रताप का रुख शुरू में थोड़ा विनम्र था. पहले वे कहते थे कि अगर जनता की मांग होगी तो वे फिर से मैदान में उतरेंगे. लेकिन अब लहजा बदल चुका है. अब वे खुद को महुआ के लिए जरूरी उम्मीदवार बता रहे हैं. यह बदलाव बताता है कि तेज प्रताप अब खुद को न सिर्फ नेता, बल्कि जनभावनाओं का प्रतिनिधि मानते हैं और पार्टी पर दबाव बनाने की पूरी तैयारी में हैं.
'टीम तेज प्रताप' की ब्रांडिंग
महुआ में जब तेज प्रताप पहुंचे, तो उनके काफिले की गाड़ियों, झंडों और पोस्टरों पर “टीम तेज प्रताप यादव” का लोगो स्पष्ट दिखा. उनके समर्थकों ने जो नारे लगाए, 'महुआ का विधायक कैसा हो, तेज प्रताप जैसा हो.' वह न सिर्फ जोश का प्रदर्शन था, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी. यह दर्शाता है कि तेज प्रताप अब खुद की स्वतंत्र ब्रांडिंग करने में जुट गए हैं और अपने जनाधार को मजबूत कर रहे हैं.
विधानसभा में दिखा ‘विद्रोही साधु’ का रूप
मंगलवार को विधानसभा पहुंचे तेज प्रताप यादव बाकी आरजेडी नेताओं से बिल्कुल अलग अंदाज में दिखे. जहां पार्टी के अन्य विधायक वोटर लिस्ट के मुद्दे पर काले कपड़े पहनकर विरोध जता रहे थे, तेज प्रताप सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर आए. जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा, “मैं हमेशा सफेद पहनता हूं. मैं सादा जीवन, उच्च विचार में यकीन रखता हूं. काला कपड़ा सिर्फ शनिवार को पहनता हूं.” यह बयान एक ओर जहां उनकी अलग शैली को दिखाता है, वहीं यह भी संकेत देता है कि वे पार्टी लाइन से अलग चलने की सोच रहे हैं.
RJD के लिए चेतावनी या बगावत की शुरुआत?
तेज प्रताप यादव का यह रुख सिर्फ चुनावी मंशा नहीं है. यह आरजेडी नेतृत्व के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि पार्टी में उनका महत्व बना रहे, वरना वे अपना अलग रास्ता भी चुन सकते हैं. टिकट को लेकर सार्वजनिक अल्टीमेटम देना पार्टी के अनुशासन और नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी तेज प्रताप की बात मानेगी या उन्हें किसी सियासी संतुलन के तहत किनारे लगाएगी.