Out Of Control RJD! विदेशी वोटर्स पर EC को लेकर तेजस्वी की दहाड़, बोले- 'ऐसे सूत्रों को मूत्र मानते हैं...

बिहार में विदेशी नागरिकों के वोटर लिस्ट में नाम होने की बात पर नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तीखा प्रहार करते हुए इसे 'मूत्र' करार दिया. उन्होंने कहा कि यह सब महज अफवाहें हैं, जिनका कोई आधार नहीं है. महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 15 July 2025 12:27 PM IST

बिहार में विदेशी नागरिकों के वोटर लिस्ट में नाम होने की बात पर नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तीखा प्रहार करते हुए इसे 'मूत्र' करार दिया. उन्होंने कहा कि यह सब महज अफवाहें हैं, जिनका कोई आधार नहीं है. महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.

तेजस्वी ने दावा किया कि चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान में गंभीर खामियां हैं और यह पूरी प्रक्रिया केवल दिखावा है. उन्होंने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट से बड़े पैमाने पर नाम हटाए जा सकते हैं, जिससे लाखों मतदाता प्रभावित होंगे.

'सूत्र नहीं, मूत्र हैं ये दावे'; तेजस्वी यादव

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब तेजस्वी से विदेशी वोटरों की बात पर सवाल किया गया तो उन्होंने तल्ख़ अंदाज़ में कहा कि आयोग कहता है कि उन्हें किसी 'सूत्र' से इनपुट मिला है. ये सूत्र नहीं, मूत्र हैं. उन्होंने इस बयान का वीडियो भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया.

"मेरे खुद के फॉर्म तक नहीं लिए गए": चुनावी प्रक्रिया पर सवाल

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए. आयोग कह रहा है कि 80% वोटर फॉर्म जमा हो चुके हैं, लेकिन मेरा खुद का फॉर्म तक नहीं लिया गया है. फॉर्म इधर-उधर फेंके जा रहे हैं और कहीं-कहीं जलेबी बेचने में इस्तेमाल हो रहे हैं," उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा.

“ये वोटर लिस्ट की नोटबंदी है”: मुकेश सहनी का बयान

महागठबंधन के नेता मुकेश सहनी ने भी आयोग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मैं पटना में बैठा हूं, लेकिन सत्यापन के लिए BLO को अपने गांव में फॉर्म देना पड़ा। ये पूरी प्रक्रिया एक 'वोटबंदी' जैसी है. गरीब मतदाताओं का हक छीना जा रहा है.

3,200 वोट प्रति सीट हटने का खतरा

तेजस्वी ने चेतावनी दी कि अगर 1% भी वोटर लिस्ट से बाहर होते हैं तो करीब 7.9 लाख वोटर बिहार में वोट देने से वंचित हो सकते हैं. पिछली बार 52 सीटों पर जीत का अंतर 5,000 वोट से कम था. अगर यही हाल रहा तो हर सीट से करीब 3,200 वोट काटे जा सकते हैं.

आयोग का दावा: नेपाल-बांग्लादेश के लोग सूची में शामिल

चुनाव आयोग ने 25 जून से SIR अभियान शुरू किया था, जिसके तहत 77,000 से अधिक BLO और सरकारी कर्मचारी 7.8 करोड़ वोटरों की नागरिकता की जांच कर रहे हैं. आयोग का कहना है कि नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की पहचान की गई है और उनका नाम अंतिम सूची में नहीं रहेगा. आयोग ने संकेत दिए हैं कि यह प्रक्रिया जल्द ही पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी जैसे राज्यों में भी लागू की जाएगी.

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