अलौली विधानसभा सीट बना चाचा-भतीजे के झगड़े की वजह, क्या बेटे को लॉन्च कर पाएंगे पशुपति पारस?

​चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने आरोप लगाया है कि पशुपति कुमार पारस रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी को पारिवारिक घर से बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं. यह मामला पारिवारिक संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद का हिस्सा है, जिसमें चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच तनाव बढ़ गया है. चिराग ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है और इसे सार्वजनिक रूप से उठाया है. हालांकि, राजकुमारी के बड़े दामाद ने इस विवाद की वजह अलौली सीट को बताया है. आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं...;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 2 April 2025 7:06 PM IST

Pashupati Kumar Paras vs Chirag Paswan Alauli Seat: चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, स्वर्गीय रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी को उनके पटना स्थित पारिवारिक आवास से बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं. राजकुमार ने मामले में 31 मार्च को अलौली पुलिस स्टेशन में पशुपति पारस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

शिकायत में कहा गया है कि पशुपति पास की पत्नी शोभा देवी और स्वर्गीय रामचंद्र पासवान की पत्नी सुनयना देवी ने 30 मार्च को राजकुमारी देवी को घर से बाहर निकाल दिया और उनके साथ मारपीट की. मामले में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें राजकुमारी देवी चिराग पासवान को बुलाकर घर का बंटवारा करने की मांग कर रही हैं.

मामले पर दोनों दलों ने क्या कहा?

चिराग पासवान की पार्टी का कहना है कि पशुपति पारस के परिजनों ने रामविलास पासवान की पत्नी के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, वह शर्मनाक है. इसकी निंदा करनी चाहिए. वहीं, पशुपति पारस की पार्टी का कहना है कि पशुपति राजकुमारी देवी को मां के समान मानते हैं. वे पूरा घर ही राजकुमारी के नाम कर देते, अगर उन्हें इस तरह के विवाद के बारे में पता होता.

राजकुमारी देवी के दामाद ने बताई विवाद की असली वजह

राजकुमारी देवी के छोटे दामाद अनिल साधु ने आरोप लगाया कि चिराग इस मामले में राजनीति कर रहे हैं. वे राजकुमारी देवी का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह अलौली विधानसभा सीट की वजह से हो रहा है. यहां से पारस अपने बेटे यशराज को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि चिराग ने राजकुमारी देवी की बड़ी बेटी उषा देवी के बेटे सीमांत मृणाल को टिकट देने का वादा किया है.

राजकुमारी देवी के साथ अलौली में काफी सक्रिय नजर आ रहे मृणाल

हाल के दिनों में, मृणाल अलौली सीट पर अपनी नानी राजकुमारी देवी के साथ काफी सक्रिय नजर रहे हैं. इस सीट से पशुपति पारस 7 बार विधायक रहे हैं. अनिल साधु राजद अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं.

अलौली विधानसभा सीट कहां है?

अलौली विधानसभा क्षेत्र बिहार के खगड़िया जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है. यह क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है और इसमें विभिन्न जातीय समूहों का मिश्रण है, जिनमें रविदास, पासवान, कुर्मी और कोइरी प्रमुख हैं

अलौली सीट पर हुए पिछले कुछ चुनाव के परिणाम

  • 2020 विधानसभा चुनाव: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के रामवृक्ष सादा ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की साधना देवी को 2,773 वोटों से हराया. रामवृक्ष सादा को 47,183 (32.69%) वोट मिले, जबकि साधना देवी को 44,410 (30.77%) वोट प्राप्त हुए. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राम चंद्र सदा 26,386 (18.28%) वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
  • 2015 विधानसभा चुनाव: राजद के चंदन कुमार ने लोजपा के पशुपति कुमार पारस को 24,470 वोटों से हराया. चंदन कुमार को 70,519 वोट मिले, जबकि पशुपति कुमार पारस को 46,049 वोट प्राप्त हुए.
  • 2010 विधानसभा चुनाव: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राम चंद्र सदा ने लोजपा के पशुपति कुमार पारस को 17,523 वोटों से हराया.

लोजपा का गढ़ रहा है अलौली

अलौली सीट को पहले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का गढ़ माना जाता था, जहां पशुपति कुमार पारस सात बार विधायक चुने गए थे. हालांकि, 2010 के बाद से इस सीट पर राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आया है और विभिन्न दलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी है. अलौली नगर पंचायत इस क्षेत्र का प्रशासनिक केंद्र है, जहां स्थानीय प्रशासनिक गतिविधियों का संचालन होता है. आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के पुत्र यशराज पासवान ने हाल ही में अलौली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित किया.

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