...तो तेजस्‍वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे प्रशांत किशोर, राघोपुर में होगा महामुकाबला; क्‍या कहा PK ने?

चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. किशोर खुद राजद के कद्दावर उम्मीदवार और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने एक खास इंटरव्यू में नीतीश कुमार की एनडीए सरकार पर जमकर बोला.;

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By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 10 April 2025 6:45 PM IST

Prashant Kishor vs Tejashwi Yadav : जन सुराज पार्टी के नेता और चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर से चुनाव लड़ने का संकेत दिया है. उन्होंने कहा, "यदि मेरी पार्टी मुझे उस सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहेगी, तो मैं तैयार हूं."

प्रशांत किशोर ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सरकार चार सेवानिवृत्त नौकरशाहों के नियंत्रण में है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी, जन सुराज, बिहार में सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें कम से कम 40 महिला उम्मीदवार होंगी.


राजद का गढ़ है राघोपुर

बता दें कि राघोपुर राजद का गढ़ है. यहां से लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव ने कई बार जीत दर्ज की है.

'बीजेपी अब नीतीश को मुख्यमंत्री नहीं बनने देगी'

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि एनडीए सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी अब नीतीश को मुख्यमंत्री नहीं बनने देगी. उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गुट की सरकार आती है तो भी नीतीश सीएम नहीं बनेंगे. वे अब केवल 5 महीने के लिए ही मुख्यमंत्री हैं.


किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी जन सुराज पार्टी?

प्रशांत किशोर ने कहा जन सुराज पार्टी बिहार में तीन मुद्दों भ्रष्टाचार, पलायन और शासन की कमी पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि बिहार के लोगों की बुद्धि पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए. वे विकास को अच्छी तरह समझते हैं. इसीलिए उन्होंने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ नीतीश कुमार को वोट दिया और उन्हें सत्ता में लाया. उस समय लालू अपने चरम पर थे. इसी तरह, नीतीश कुमार भी बेनकाब हो गए हैं. इसीलिए पिछले चुनाव में उनकी शक्ति कम हो गई थी. 

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