नीतीश कैबिनेट ने 129 एजेंडों पर लगाई मुहर: कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा, छात्रों की छात्रवृत्ति में भी बड़ा इजाफा
नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट ने 129 एजेंडों पर मुहर लगाई. कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 55% से बढ़ाकर 58% किया गया. छात्रवृत्ति राशि दोगुनी कर दी गई, जिससे कक्षा 1 से 10 के सभी छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा. नए पदों और प्रशासनिक सुधारों को मंजूरी दी गई, साथ ही निर्वाचन विभाग के लिए 9.15 करोड़ रुपये और अन्य चुनावी खर्चों के लिए 122 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली. कृषि और शिक्षा क्षेत्र में नई योजनाओं और वित्तीय मदद से राज्य के विकास और लोगों के कल्याण को बढ़ावा मिलेगा.;
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की अहम बैठक में कुल 129 एजेंडों पर मुहर लगाई गई. इस बैठक में राज्य कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और छात्रों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि और छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने जैसी खुशखबरी मिली, जिससे लाखों लोगों को सीधे लाभ पहुंचने की संभावना है.
बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रस्तावों पर चर्चा की गई. राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वित्तीय हितों के साथ-साथ छात्रों के शैक्षणिक लाभों को ध्यान में रखते हुए कई निर्णय लिए हैं.
कर्मचारियों को बड़ा तोहफा: महंगाई भत्ता 3% बढ़ा
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 55% से बढ़ाकर 58% कर दिया है. यह निर्णय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के DA बढ़ोतरी के अनुरूप लिया गया है. बिहार के सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी अब नई दरों के अनुसार लाभान्वित होंगे.
छात्रवृत्ति में दोगुना इजाफा
कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री बालक-बालिका योजना’ के तहत मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि दोगुनी करने का निर्णय लिया. इसके तहत-
- कक्षा 1 से 4: 600 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये
- कक्षा 5 से 6: 1200 रुपये से बढ़ाकर 2400 रुपये
- कक्षा 7 से 8: 1800 रुपये से बढ़ाकर 3600 रुपये
- कक्षा 9 से 10: 1800 रुपये से बढ़ाकर 3600 रुपये
इस फैसले से राज्य के लाखों छात्रों को शिक्षा में आर्थिक मदद मिलेगी और उनकी पढ़ाई जारी रखने में सहायता होगी.
नए नियुक्तियों और प्रशासनिक सुधारों को स्वीकृति
बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े नए पदों के सृजन और पुराने पदों के पुनर्गठन पर मुहर लगाई गई. राज्य सचिवालय आशुलिपिक सेवा में वरीय प्रधान आप्त सचिव के पद का सृजन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मानदेय में 10% वृद्धि और विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति शामिल हैं.
निर्वाचन विभाग को भी मिली बड़ी मंजूरी
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन विभाग के अलग-अलग मदों में खर्च राशि की स्वीकृति दी गई. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में Control Command Centre के निर्माण पर 9.15 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई. इसके अलावा, वार्षिक मानदेय, बीएलओ किट और मतदाता जागरूकता कार्यक्रम संबंधी खर्च के लिए कुल 122 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली.
कृषि और शिक्षा क्षेत्र में विशेष फैसले
कृषि विभाग के प्रस्तावों में 218 नए पदों का सृजन, राष्ट्रीय ऑयलसीड मिशन के तहत 25.85 करोड़ रुपये और दाल उत्पादन के लिए 95.85 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए. शिक्षा क्षेत्र में छात्रों की छात्रवृत्ति के साथ-साथ नए वकीलों को तीन साल तक 5000 रुपये मासिक स्टाइपेंड देने का निर्णय भी शामिल है.