पहले बनाऊंगा सरकार फिर वक्फ बिल जाएगा कूड़े में- बोले तेजस्वी यादव; VIDEO
RJD leader Tejashwi Yadav: राजद नेता तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, 'हम सरकार बनाएंगे और इस बिल को कूड़ेदान में फेंक देंगे.';
RJD leader Tejashwi Yadav: राजद नेता तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, 'हम सरकार बनाएंगे और इस बिल को कूड़ेदान में फेंक देंगे.' तेजस्वी ने आरोप लगाया कि यह बिल अल्पसंख्यकों की संपत्तियों और धार्मिक आज़ादी पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसे कानून ला रही हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में बिहार की जनता बदलाव लाएगी और उनकी पार्टी सत्ता में आकर इस तरह के 'जनविरोधी' कानूनों को पूरी तरह खत्म कर देगी.
Rashtriya Janata Dal ने सोशल मीडिया (X) पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, भाजपा के लोग शत प्रतिशत संविधान विरोधी हैं! वे लोग हमेशा विभिन्न वर्गों को निशाना बनाते हुए संविधान पर कुठाराघात करते रहते हैं! वक्फ़ संशोधन बिल संविधान विरोधी है! उन्होंने आगे लिखा कि, समय-समय पर भाजपा की सरकार इस तरह के प्रयास करती है जिससे लोगों का ध्यान उनके वास्तविक मुद्दों... जैसे गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पलायन, शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्गति से हटे और ध्रुवीकरण के खेल में NDA वाले कामयाब हो सकें!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में जेडीयू ने संसद में वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया, जिसके बाद पार्टी के मुस्लिम नेताओं में नाराज़गी खुलकर सामने आ रही है. इस फैसले से असहमति जताते हुए जेडीयू के अब तक पांच मुस्लिम नेता पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. पार्टी के भीतर अल्पसंख्यक नेताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है और कई नेताओं ने नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. वक्फ बिल को लेकर पार्टी की स्थिति को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिससे जेडीयू को मुस्लिम वोटबैंक में सेंध की आशंका भी सताने लगी है.
मुसलमान नहीं असली निशाना तो...
तेजस्वी यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, 'मैं दलित हिंदू एवं पिछड़े-अतिपिछड़े-आदिवासी और प्रगतिशील हिंदू भाइयों से कहना चाहता हूँ कि यह दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों को सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक-शैक्षणिक और धार्मिक रूप से मुख्य धारा से दूर करने का RSS/BJP का दीर्घकालिक प्रॉजेक्ट है. ये शातिर लोग मुसलमान के नाम पर, मुसलमान के साथ-साथ मंडल वाले हिंदुओं का अहित और नुक़सान करना चाहते है। मुसलमान ही नहीं इनका असल निशाना दलित-पिछड़ा भी है. ये दलित और पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदुओं का 65% आरक्षण क्यों रोके हुए है? ये दलित-पिछड़े-अतिपिछड़े और आदिवासी हिंदुओं की गणना क्यों नहीं कराना चाहते? ये डबल इंजन सरकार धार्मिक न्यास बोर्ड, बड़े मंदिरों के ट्रस्ट इत्यादि में दलित-पिछड़े और आदिवासी हिंदुओं को बराबर की जगह क्यों नहीं देना चाहती?