पनौती बनी कांग्रेस! CM नहीं बन पाए थे तेजस्वी यादव, इस बार की दूरियां कितनी हो पाएगी कारगार?
Tejashwi Yadav: 2020 के बिहार चुनाव में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटों पर ही जीत पाई थी. वोट प्रतिशत 27 फीसदी ही रहा था. अगर उस चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया होता तो महागठबंधन की जीत होती और तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बन जाते. अब देखना यह होगा कि इस बार तेजस्वी यादव को जीत मिलती है या नहीं.;
Tejashwi Yadav: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. आरजेडी, जेडीयू, भाजपा और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां चुनावी जीतने के लिए रणनीति बना रही हैं. बिहार में जब-जब चुनाव होते लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव हमेशा सुर्खियों में आ जाते हैं. राज्य में बड़ा वर्ग उनके साथ खड़ा नजर आता है. ऐसा भी कहा जाता है कि अगर नीतीश कुमार सीएम नहीं होते तो तेजस्वी ही सीएम बनते.
बिहार में 2020 में चुनाव हुए तेजस्वी यादव ने पहली बार अपनी पार्टी का नेतृत्व किया. चुनाव में महागठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फिर भी बहुमत का आंकड़ा नहीं हासिल कर पाए. अब देखना यह होगा कि इस बार के चुनाव ने तेजस्वी यादव कमाल कर पाते हैं या नहीं.
कांग्रेस ने बिगाड़ा था खेल
2020 का बिहार विधानसभा एक अहम चुनाव था. एनडीए के अंदर नीतीश बाबू के लिए चुनाव जीतना एक बड़ी चुनौती थी. वहीं युवा नेता तेजस्वी यादव का जलवा हर ओर देखने को मिल रहा था. खासकर युवाओं के बीच वह हमेशा पॉपुलर रहे हैं, लेकिन सीएम बनने का सपना सहयोगी पार्टी कांग्रेस की वजह से पूरा ही नहीं हो पाया. वह उनके लिए पनौती बन गई.
2020 के चुनाव में 243 सदस्यीय विधानसभा में राजद सबसे आगे रही. उसे 75 सीटें हासिल हुई. दूसरे पर भाजपा 74 सबसे बड़ा नुकसान जेडीयू को हुआ और उसे सिर्फ 43 सीटें मिली. राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटों पर ही जीत पाई थी. वोट प्रतिशत 27 फीसदी ही रहा था. अगर उस चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया होता तो महागठबंधन की जीत होती और तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बन जाते.
कांग्रेस ने हुआ मनमुटाव
2020 में चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद राजद उससे नाराज हो गई. अगर राजद ने कांग्रेस को कम सीट दी होती तो शायद महागठबंधन जीत जाती. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में हाल के बेहद खराब प्रदर्शन को देखकर राजद ने बिहार में कांग्रेस को इस बार साइड कर दिया है. लालू यादव ने सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारें हैं, इसमें पूर्णिया लोकसभा सीट का नाम भी शामिल है. अब देखना यह होगा कि आगामी विधानसभा में राजद अपना कैसा प्रदर्शन दिखाएगी.