अचानक कैसे बदल गए चिराग पासवान के सुर, क्यों करने लगे नीतीश की तारीफ? जानें नई ‘केमिस्ट्री’
लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जो कभी नीतीश कुमार के धुर विरोधी थे, अब उनकी तारीफ करने लगे हैं. 28 जुलाई को उन्होंने सीएम नीतीश के पक्ष में बोलते ही सुर्खियों में आ गए हैं. हालांकि, पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि उन्होंने अपने स्टैंड में कोई बदलाव नहीं किया है. नैरेटिव मीडिया अपने हिसाब सेट करती है.क्या है नई ‘पॉलिटिकल केमिस्ट्री’ की वजह? जानें सब कुछ.;
राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं मान सकते. ना दुश्मनी और ना दोस्ती. एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान, जिन्होंने कभी नीतीश कुमार की नीतियों पर खुलकर हमला बोला था, अब उन्हीं की तारीफ करने लगे हैं. सवाल उठता है क्या खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'हनुमान' कहने वाले चिराग पासवान के लिए ऐसा करना सियासी मजबूरी है या चुनावी रणनीति? क्या चिराग पासवान अब एनडीए के ‘संकट मोचन’ भूमिका में दिखेंगे?
दरअसल, चिराग पासवान ने कहा है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. जबकि, हाल ही में चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार ने अपराधियों के सामने "आत्मसमर्पण" कर दिया है. इसके बाद सीएम नीतीश की काफी किरकिरी हुई थी. विपक्ष ने भी इसकी आड़ में उन्हें निशाने पर लिया था.
क्या कहा था चिराग ने?
दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार के हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि एनडीए चुनावों के लिए एक "विजयी गठबंधन" है और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. इसके आगे उन्होंने कहा, "मैंने कई बार दोहराया है कि मेरी प्रतिबद्धता और प्यार प्रधानमंत्री के प्रति है?. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में (बिहार में) चुनाव लड़े जाएंगे. चुनाव परिणामों के बाद नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. निश्चित रूप से वह मुख्यमंत्री होंगे."
कभी दुश्मन नंबर वन
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 'नीतीश मुक्त बिहार' का नारा दिया था. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने जेडीयू को टारगेट कर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और नीतीश को बड़ा नुकसान पहुंचाया.
नई केमिस्ट्री
केंद्र में मंत्री पद मिलने और LJP (रामविलास) को NDA में ‘फुल स्टेटस’ मिलने के बाद चिराग अब खुद को गठबंधन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं. सीट बंटवारे में भी जेडीयू से टकराव टालना, उनकी रणनीति हो सकती है. दलित-पसमांदा वोटों की राजनीति में चिराग को अब नीतीश की साख का फायदा चाहिए. बिहार की राजनीति में गठबंधन के भीतर एकता दिखाना जरूरी हो गया है.
बिहार के जनीतिक विश्लेषक इसे चिराग की ‘राजनीतिक परिपक्वता’ बता रहे हैं. जहां चिराग ने विरोध की जगह सहयोग का रास्ता चुना है, लेकिन उनके आलोचक इसे अवसरवाद भी कह रहे हैं.
नीतीश को CM बनाना NDA का एजेंडा - रंजन सिंह
एलजेपी रामविलास बिहार के प्रवक्ता रंजन सिंह ने चिराग पासवान के सीएम नीतीश कुमार के प्रति नरमी को लेकर कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. चिराग पासवान ने ऐसा कभी नहीं कहा कि नीतीश कुमार सीएम नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को सीएम बनाना एलेजपीआर का एजेंडा है. जबकि नीतीश कुमार सीएम बनें ये एनडीए का एजेंडा है. एनडीए का हिस्सा होने के नाते नीतीश कुमार फिर सीएम बनेंगे.
रंजन सिंह ने आगे कहा, "चिराग पासवान बिहार में क्राइम की घटनाओं करे चिंता का विषय बताते आए हैं, जिसको लेकर मीडिया ने अपने तरीके से नैरेटिव सेट किए. मीडिया के इस रुख से लोगों में मैसेज गया कि चिराग पासवान नहीं चाहते कि नीतीश कुमार सीएम बनें, लेकिन पार्टी प्रमुख ने ऐसा कभी कुछ कहा ही नहीं. वह आज भी कहते हैं, मैं पीएम मोदी का हनुमान हूं और सीएम नीतीश कुमार बनेंगे. अब उनके ताजा बयानों को लेकर मीडिया यह बताने में जुटी है कि चिराग पासवान का मन बदल गया है, पर वैसा नहीं है."