Bihar Politics Update: 'बिहार को अभी नहीं चिराग की जरूरत', तेजस्वी को मंजूर है मंगल पांडेय का चैलेंज
बिहार की राजनीति में गर्मी तेज है. तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमला बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को बहस की खुली चुनौती दी है. उधर, नित्यानंद राय ने विकास के मुद्दे पर तेजस्वी को जिलाध्यक्ष से बहस की चुनौती दी. चिराग पासवान की सक्रियता पर रामदास आठवले बोले– अभी उन्हें बिहार आने की जरूरत नहीं. वहीं चुनावी साल में नीतीश सरकार ने 50 हजार करोड़ की 430 योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया है.;
बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासत गरम होती जा रही है. एक तरफ जहां तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मौजूदा सरकार पर तीखे हमले किए हैं, वहीं भाजपा नेताओं ने उन्हें खुले मंच पर बहस की चुनौती दे डाली है.
दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की ओर से जनता को 50 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात देने की तैयारी भी चरम पर है. इन सबके बीच चिराग पासवान (Chirag Paswan) को लेकर भी एनडीए के भीतर हलचल दिख रही है. आइए जानते हैं बिहार की राजनीति का ताज़ा हाल...
तेजस्वी बनाम एनडीए: बहस की चुनौती पर घमासान
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य विभाग की बदहाली को लेकर बिहार सरकार को घेरा और कहा कि एनएमसीएच में मरीजों को बेड नहीं मिलते, माफिया बेड बेच रहे हैं और अस्पतालों में चूहे घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की बहस की चुनौती स्वीकार करते हैं, लेकिन समय और जगह का ऐलान सरकार को करना चाहिए. तेजस्वी के हमलों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि तेजस्वी ने मंत्री रहते कोई काम नहीं किया, सिर्फ भाषण दिए. वहीं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने तो यहां तक कह दिया कि तेजस्वी में इतनी भी क्षमता नहीं कि वे भाजपा के किसी जिलाध्यक्ष से भी विकास पर बहस कर सकें. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में हर क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है.
चुनावी साल में नीतीश का मास्टरस्ट्रोक - 50 हजार करोड़ की योजनाएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान राज्यवासियों को 50 हजार करोड़ की लागत वाली 430 योजनाओं की सौगात देने का ऐलान किया है. इन योजनाओं पर काम जून के पहले सप्ताह से लेकर 15 अगस्त तक शुरू हो जाएगा. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि 15 जून तक अधिकतम योजनाओं का शिलान्यास हो जाए और किसी तरह की कोताही न बरती जाए. सम्राट चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि अधिकांश योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि कुछ में भूमि अधिग्रहण की अड़चन है, जिसे जल्द सुलझा लिया जाएगा. सरकार चाहती है कि चुनावी साल में विकास की गाड़ी पूरी रफ्तार से चले.
चिराग पर रामदास आठवले का बयान, एनडीए में दिखी असहजता
लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार में खुद को सीएम चेहरा मानकर सक्रिय हो रहे हैं. हाल ही में उनके पोस्टर भी पटना की दीवारों पर लगे थे. लेकिन उनकी ही सरकार के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने चिराग को बिहार आने की ज़रूरत नहीं बताई. उन्होंने कहा कि फिलहाल चिराग केंद्र में ठीक काम कर रहे हैं और विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर एनडीए सरकार बनाएगी. रामदास आठवले ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी आरपीआई बिहार में चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन एनडीए के लिए प्रचार जरूर करेगी. चिराग की नीतीश कुमार से हालिया मुलाकात और उसके बाद उनका बदला चेहरा यह संकेत दे रहा है कि एनडीए में सीटों और नेतृत्व को लेकर कुछ खिचातानी जरूर चल रही है.
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बिहार चुनाव की दिशा तय करेंगे बहस, विकास और नेतृत्व के संकेत
बिहार की राजनीति फिलहाल तीन मुख्य मुद्दों पर घूम रही है, स्वास्थ्य पर बहस की चुनौती, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकास एजेंडा और चिराग पासवान की महत्वाकांक्षाएं. आने वाले दिनों में इन तीन धाराओं के बीच राजनीतिक टकराव और तेज़ होने की पूरी संभावना है. सवाल अब यह है कि क्या तेजस्वी वाकई बहस के मंच पर उतरेंगे? क्या नीतीश की योजनाएं जमीन पर उतर पाएंगी? और क्या चिराग की भूमिका एनडीए में सहयोगी की रहेगी या नेतृत्व की ओर बढ़ेगी? इनके जवाब तो आने वाले वक्त में ही मिल पाएंगे.