बिहार के मोहनिया से नामांकन खारिज होते पर श्वेता सुमन की आंखों से छलके आंसू, कहा – ‘मेरे साथ नाइंसाफी हुई’

Bihar Chunav 2025: एलजेपीआर प्रत्याशी सीमा सिंह के बाद अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोहनिया सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन भी तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया है. इस निर्णय के बाद श्वेता सुमन इतना भावुक हो गईं कि उनके आंखों में आंसू छलक पड़े. उन्होंने कहा कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है.;

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Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 22 Oct 2025 7:30 PM IST

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोहनिया सीट से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है. इसे आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. नामांकन रद्द होने की खबर मिलते ही श्वेता सुमन की आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी दस्तावेज पूरे किए थे, फिर भी उनका नामांकन खारिज कर दिया गया है. इस घटना से आरजेडी खेमे में गहरा असंतोष देखा जा रहा है. दूसरी तरफ आरजेडी खेमे में इस फैसले से मायूसी छा गई है.

श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. हालांकि, सुमन ने आरोप लगाया कि रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और अन्य अधिकारी दिल्ली के से 'दबाव' में थे. दिल्ली से रिटर्निंग ऑफिसर और सीओ पर लगातार दबाव डाला जा रहा था. उन्हें यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया.



श्वेता सुमन ने कहा कि वे लाचार हैं, 'भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह दबाव डाल रहे थे. और कौन दबाव डाल रहा होगा? मैं जरूर अदालत जाऊंगी... यहां से भाजपा उम्मीदवार संगीता ने अधिसूचना की तारीख के बाद अपना जाति प्रमाण पत्र जमा किया था, लेकिन चूंकि वह भाजपा से हैं, इसलिए कुछ नहीं किया जाएगा."

श्वेता सुमन का नामांकन क्यों खारिज हुआ?

सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द करने के पीछे बताया है कि सुमन ने 2020 के बिहार चुनाव के दौरान अपना मूल निवास उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में बताया था, लेकिन 2025 के चुनाव में उन्होंने अपना निवास बिहार में बताया था. भाजपा ने चुनाव आयोग में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद बुधवार को उनका नामांकन खारिज कर दिया गया.


आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन ने मीडिया को बताया कि उन्हें आज स्क्रूटनी के लिए बुलाया गया था. अधिकारियों ने पहले ही लिखित में फैसला सुना दिया था. उन्होंने कहा कि उन्होंने उन्हें सूचित कर दिया था कि उनका नामांकन खारिज किया जा रहा है और अगर वह चाहें तो अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं.

'EC के अफसर दिल्ली के दबाव में'

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अधिकारी उनकी दलीलें सुनने को तैयार नहीं थे. उम्मीदवार ने चुनाव आयोग पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए दावा किया कि अधिकारी दिल्ली से दबाव में हैं. उन्होंने आगे कहा, "आरओ और सीओ पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने कथित तौर पर कहा कि वे असहाय हैं, और अधिकारियों को डीएम के लगातार फोन भी आ रहे थे. बंद कमरे में हुई बैठक में आरओ ने कथित तौर पर कहा कि मैं असहाय हूं. मैं कुछ नहीं कर सकता." श्वेता सुमन ने भाजपा और बिहार सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का भी आरोप लगाया.


अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे

आरजेडी उम्मीदवार श्वेता सुमन ने कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले को अदालत में चुनौती देंगी. उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा उम्मीदवार संगीता के नामांकन में अनियमितताएं थीं. इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.


जंग अभी बाकी है - श्वेता

श्वेता सुमन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मैं हार नहीं मानूंगी. जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है. लड़ाई अभी बाकी है.”

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