रोजगार की तलाश ने छीन ली ज़िंदगी, गोवा हादसे में असम के तीन परिवारों का उजड़ गया संसार, सीएम ने जताया दुख
गोवा हादसा उन परिवारों की दर्द को सामने लाता है, जो बेहतर जीवन और रोज़गार की तलाश में घर से दूर निकलते हैं. गोवा में हुए दर्दनाक हादसे ने असम के तीन परिवारों से उनके अपने छीन लिए और उनके पूरे संसार को उजाड़ दिया. वहीं, इस दिल दहलाने वाली घटना पर असम के मुख्यमंत्री ने गहरा दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है.;
असम के तीन परिवारों पर रविवार रात एक ऐसा कहर टूटा, जिसने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया. गोवा के अरपोरा इलाके में नाइटक्लब में लगी भीषण आग न सिर्फ 25 लोगों की जान ले गई, बल्कि असम के तीन युवा मनोजित माल, राहुल तांती और दिगंता पटीर की अधूरी कहानी भी वहीं राख में बदल गई.
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घर से हजारों किलोमीटर दूर, अजनबी शहर में काम करते हुए मिली यह दर्दनाक मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि असम के उन गांवों और चाय बागानों की कड़वी सच्चाई भी है, जो अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी देने में भी असमर्थ हैं. जहां मनोजित माल, राहुल तांती का शव परिवार को मिल चुका है, लेकिन दिगंता पटीर के शव को लेकर प्रशासन ने उनके परिवार को कुछ नहीं बताया है.
घर लौटने का सपना, ताबूत में बदला
मनोजित माल और राहुल तांती नाइटक्लब की किचन में काम करते थे. दोनों चाय जनजाति समुदाय से थे, जिनके गांवों में रोजगार का कोई सहारा नहीं बचा है. उनके परिवार उम्मीद करते थे कि बेटा कुछ कमा कर घर भेजेगा, बहनों की पढ़ाई चलेगी, घर में थोड़ा सुधार होगा. लेकिन अब घर लौट रहे हैं तो सिर्फ उनके शव. गोवा में काम करने वाले रिश्तेदारों ने दोनों के पार्थिव शरीर को पहचानकर परिवार को सौंपा, लेकिन दर्द इतना गहरा है कि शब्द भी छोटे पड़ जाते हैं.
परिवार को शव से जुड़ी नहीं है जानकारी
दिगंता पटीर भी नाइटक्लब में कुक का काम करता था, जब उसके बड़े भाई को यह खबर मिली, तो वह केरल से तुरंत गोवा के लिए रवाना हो गए, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक परिवार को यह नहीं बताया गया कि उनके बेटे का शव घर कैसे आएगा. दिगंता की मां का रोना गांव की खामोशी को चीर देता है “दोनों बेटे दूर-दूर काम करते हैं… यहां हमारा कौन-सा सहारा है?”
सीएम हिमंत ने जताया शोक
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि गोवा के अरपोरा में लगी आग की घटना में हुई मौतों से वह बेहद दुखी हैं. इस हादसे में असम के तीन लोगों राहुल तांती (कछार), मनोजित माल (कछार) और दिगंता पटीर (धेमाजी) की जान चली गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके परिवारों के प्रति वह संवेदना प्रकट करते हैं और सभी घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं.