किन धाराओं के तहत असम में पहली बार 2 लोगों को मिली भारतीय नागरिकता? CAA को लेकर पहला मामला आया सामने
असम में CAA को लेकर एक अहम घटनाक्रम सामने आया है. कछार जिले में शुक्रवार को इस कानून के लागू होने की छठी वर्षगांठ के ठीक दो दिन बाद सीएए के तहत दो लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है. इनमें एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं;
असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर एक अहम घटनाक्रम सामने आया है. कछार जिले में शुक्रवार को इस कानून के लागू होने की छठी वर्षगांठ के ठीक दो दिन बाद सीएए के तहत दो लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है. इनमें एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं, जिससे असम में सीएए के तहत नागरिकता मिलने की प्रक्रिया ने एक नया अध्याय शुरू किया है.
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जानकारी के अनुसार, लाभार्थियों में 40 वर्षीय महिला और 61 वर्षीय पुरुष शामिल हैं. महिला साल 2007 में बांग्लादेश से भारत आई थीं और फिलहाल में असम के श्रीभूमि जिले में रह रही हैं, जबकि पुरुष 1975 में बांग्लादेश के मौलवीबाजार जिले से भारत आए थे और लंबे समय से सिलचर में निवास कर रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किए प्रमाण पत्र
इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए विदेशी न्यायाधिकरण के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मानंद देब ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 दिसंबर को दोनों को नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किए थे।. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये नागरिकता स्वीकृतियां आवेदकों के भारत में पहली बार प्रवेश की तारीख से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी मानी जाएंगी. देब के अनुसार, संभावित सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं को देखते हुए लाभार्थियों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है.
चिकित्सा यात्रा से स्थायी निवास तक का सफर
वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मानंद देब ने महिला लाभार्थी के मामले पर प्रकाश डालते हुए कहा "महिला जनवरी 2007 में एक रिश्तेदार के साथ चिकित्सा उपचार के लिए सिलचर गई थी और उसी दौरान भारत में दाखिल हुई थी. उसने उसी साल फरवरी में एक स्थानीय चिकित्सक से शादी कर ली और तब से वह सीमावर्ती जिले श्रीभूमि में रह रही है." उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा मामला मंजूर किए जाने के बाद यह महिला पंजीकरण मार्ग के जरिए सीएए के तहत असम में नागरिकता पाने वाली पहली व्यक्ति बन गई हैं.
पहले आवेदन में आई थी कानूनी अड़चन
देब ने आगे बताया कि महिला ने पिछले वर्ष सीएए नियमों के अधिसूचित होते ही नागरिकता के लिए आवेदन किया था. हालांकि, लोकसभा चुनावों से पहले निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन के कारण उत्पन्न अधिकार क्षेत्र से जुड़े भ्रम की वजह से श्रीभूमि जिले से किया गया उनका पहला आवेदन खारिज कर दिया गया था.कानूनी सलाह लेने के बाद एक नया आवेदन दायर किया गया, जिसे बाद में मंजूरी मिल गई.
किन धाराओं के तहत मिली नागरिकता
वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया "उन्हें नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1)(सी) के साथ धारा 6बी के तहत नागरिकता प्रदान की गई थी, जो भारतीय नागरिकों के जीवनसाथी को निवास की निर्धारित अवधि पूरी करने के बाद पंजीकरण कराने की अनुमति देती है."