SIR का इफेक्ट! असम में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से रिकॉर्ड 10.56 लाख नाम क्यों काटे गए? ECI ने बताई वजह, कहा- 10 फरवरी को आएगी फाइनल लिस्ट

असम विधानसभा चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कराए गए स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) के तहत राज्य की ड्राफ्ट मतदाता सूची से 10.56 लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं. यह कार्रवाई मृत्यु, स्थान परिवर्तन और डुप्लीकेट एंट्री जैसे कारणों के आधार पर की गई. घर-घर सत्यापन के बाद जारी की गई ड्राफ्ट लिस्ट पर 22 जनवरी तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है, जबकि फाइनल वोटर लिस्ट 10 फरवरी को प्रकाशित होगी. चुनाव आयोग का कहना है कि इस अभ्यास का उद्देश्य एक साफ, सटीक और निष्पक्ष मतदाता सूची तैयार करना है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 27 Dec 2025 11:17 PM IST

Assam SIR Exercise, Assam Voter List Revision, Assam Draft Electoral Roll: आगामी असम विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मतदाता सूची में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा कराए गए विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) के तहत 10.56 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं. शनिवार को जारी की गई अपडेटेड ड्राफ्ट मतदाता सूची ने असम की चुनावी तैयारियों को लेकर नई बहस छेड़ दी है.

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ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में बड़ा बदलाव

नई ड्राफ्ट सूची के मुताबिक, असम में अब 2.51 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. हालांकि, इसमें 93,000 से अधिक ‘डी-वोटर’ (D-Voters) शामिल नहीं हैं. डी-वोटर वे लोग होते हैं, जिनकी नागरिकता को लेकर सवाल बने हुए हैं. इनके नाम मतदाता सूची में तो दर्ज रहते हैं, लेकिन इन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं होता.

किन वजहों से हटे इतने नाम?

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, नाम हटाए जाने के पीछे मुख्य रूप से तीन कारण सामने आए हैं,

  • मृत्यु: करीब 4.8 लाख मतदाताओं के नाम सत्यापन के बाद हटाए गए, क्योंकि उनकी मृत्यु हो चुकी थी.
  • स्थान परिवर्तन: लगभग 5.23 लाख लोग अपने पंजीकृत पते से कहीं और शिफ्ट हो चुके थे.
  • डुप्लीकेट एंट्री: 53,000 से अधिक नाम ऐसे पाए गए, जिनमें समानता थी और वे डुप्लीकेट प्रविष्टि के रूप में चिह्नित किए गए.

घर-घर जाकर हुआ सत्यापन

यह विशेष रिवीजन अभ्यास 22 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच किया गया. इस दौरान 61 लाख से अधिक घरों में जाकर बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) ने मतदाताओं का भौतिक सत्यापन किया. अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह जमीनी स्तर पर की गई, ताकि सूची को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाया जा सके.

आपत्ति और सुधार का मौका

ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद मतदाताओं को 22 जनवरी तक नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए आपत्ति दर्ज कराने का अवसर दिया गया है. इसके बाद 10 फरवरी को फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी.

असम में मतदान व्यवस्था

असम में फिलहाल 31,486 मतदान केंद्र हैं, जिन्हें हाल ही में तर्कसंगत (rationalisation) प्रक्रिया के तहत पुनर्गठित किया गया है. जहां केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) चल रहा है, वहीं असम को स्पेशल रिवीजन के तहत रखा गया है, जिसे नियमित वार्षिक अपडेट और पूर्ण इंटेंसिव रिवीजन के बीच की प्रक्रिया माना जाता है.

नागरिकता का संवेदनशील मुद्दा

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि असम में नागरिकता से जुड़े मामले अलग कानूनी प्रावधानों के तहत आते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में नागरिकता सत्यापन की व्यापक प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अंतिम चरण में है.

SIR क्या है और क्यों अहम है?

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक गहन प्रक्रिया होती है, जिसमें सभी मतदाताओं का जमीनी स्तर पर सत्यापन किया जाता है. इसका उद्देश्य मृत, स्थानांतरित, डुप्लीकेट और अवैध मतदाताओं को सूची से हटाना होता है. भारत में ऐसा व्यापक इंटेंसिव रिवीजन करीब दो दशक पहले किया गया था.

बिहार से जुड़ा विवाद

इस साल बिहार में हुए SIR अभ्यास को लेकर बड़ा विवाद भी सामने आया था. विपक्ष ने आरोप लगाया कि इसके जरिए बड़ी संख्या में हाशिए के समुदायों के मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किया गया. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, हालांकि कोर्ट ने कुछ संशोधनों के साथ प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी. बिहार में अंतिम सूची में 68.6 लाख नाम हटाए गए थे.

चुनाव आयोग की सफाई

चुनाव अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे अभ्यास का उद्देश्य स्वच्छ, सटीक और निष्पक्ष मतदाता सूची तैयार करना है, ताकि केवल योग्य नागरिक ही मतदान कर सकें और आगामी चुनाव निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सकें.

असम में मतदाता सूची का यह बड़ा संशोधन जहां चुनावी पारदर्शिता की दिशा में कदम बताया जा रहा है, वहीं विपक्षी दलों की नजर भी इस पर टिकी हुई है. अब देखना होगा कि आपत्ति और सुधार की प्रक्रिया के बाद फाइनल लिस्ट में क्या बदलाव सामने आते हैं.

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